
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Review- SIR) के दूसरे चरण के तहत मंगलवार को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची (Draft voter list) में राज्य के मतदाताओं की संख्या घटकर 7.1 करोड़ रह गई है। 29 अक्टूबर 2025 तक दर्ज 7.6 करोड़ मतदाताओं में से 7.6 प्रतिशत यानी करीब 58 लाख नाम मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित या एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए जाने के कारण सूची से हटाए गए हैं। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, जांच के दौरान 28 लाख गणना फॉर्म पिछली SIR सूची से मैप नहीं हो पाए, जबकि 1.65 करोड़ फॉर्म में तार्किक विसंगतियां पाई गईं। इसके चलते करीब 1.9 करोड़ मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। इन मतदाताओं को सुनवाई के दौरान अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी, अन्यथा उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि पाई गई विसंगतियों में एक ही अभिभावक से छह से अधिक संतान दर्ज होना, पिता के नाम में गड़बड़ी, अभिभावक से असामान्य उम्र का अंतर, 45 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे व्यक्ति जिनका पहले कभी नामांकन नहीं हुआ था, जैसी प्रविष्टियां शामिल हैं। SIR के दूसरे चरण में नियमों में बदलाव के चलते दस्तावेज जमा करना अनिवार्य नहीं था, जिससे बड़ी संख्या में अधूरे या गलत विवरण सामने आए।
जिला स्तर पर नाम कटने की दर में बड़ा अंतर देखने को मिला है। कोलकाता उत्तर में 25.9 प्रतिशत और कोलकाता दक्षिण में 23.8 प्रतिशत मतदाताओं के नाम हटाए गए, जबकि पूर्व मेदिनीपुर में यह दर सबसे कम 3.3 प्रतिशत रही। पश्चिम बर्दवान में 13.1 प्रतिशत नाम सूची से बाहर हुए। बांग्लादेश सीमा से सटे अधिकांश जिलों में नाम कटने की दर राज्य औसत से कम रही, हालांकि इन जिलों में ‘पिता के नाम में असंगति’ की दर अधिक पाई गई। मालदा, उत्तर दिनाजपुर और मुर्शिदाबाद में यह दर 12 से 16 प्रतिशत के बीच दर्ज की गई।
SIR फेज-2 के तहत जिन अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की गई, उनमें राजस्थान में 7.6 प्रतिशत, गोवा में 8.45 प्रतिशत, पुडुचेरी में 10.1 प्रतिशत और लक्षद्वीप में 2.47 प्रतिशत मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि मृत, स्थानांतरित और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों को सौंप दी गई है और इसे सार्वजनिक वेबसाइटों पर भी डाला गया है। 15 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी, जबकि सुनवाई और सत्यापन की प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
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