
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के खेल मंत्री अरूप बिस्वास (Sports Minister Arup Biswas) ने मेसी इवेंट विवाद (Messi event controversy) में इस्तीफा दे दिया है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (Ruling Trinamool Congress- TMC) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष के मुताबिक खेल मंत्री ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उनसे खेल मंत्रालय की जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया है। बिस्वास ने राज्य सरकार द्वारा कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में लियोनेल मेसी के GOAT टूर कार्यक्रम के दौरान हुई अराजक घटनाओं की जांच के आदेश के बाद इस्तीफा दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे हस्तलिखित पत्र में बिस्वास ने कहा कि वे घटना की “स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच” सुनिश्चित करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। मंत्री को इस अराजकता के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अब सीएम खुद इस मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभालेंगी।
बहरहाल, ममता के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक और पार्टी के एक प्रभावशाली व्यक्ति बिस्वास के इस्तीफे से यह बात साफ होती है कि सत्तारूढ़ टीएमसी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। बता दें कि पिछले दिनों कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान खूब तोड़फोड़ हुई थी और बवाल मचा था। इसके बाद इस घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
चार IPS अफसरों की SIT बनाई गई
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों वाली चार सदस्यीय एसआईटी गठित की है। मुख्य सचिव ने बताया कि कर्तव्य में लापरवाही के लिए डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) बिधाननगर अनीश सरकार को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बंगाल के खेल सचिव राजेश कुमार सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और सॉल्ट लेक स्टेडियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी के नंदन की सेवाएं वापस ले ली गई हैं।
जस्टिस (रि) असीम कुमार रॉय की समिति ने सौंपी रिपोर्ट
इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था कि मामले की जांच कर रही समिति ने इस घटना की गहन जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की सिफारिश की है। अधिकारी ने बताया कि रिटायर्ड जस्टिस असीम कुमार रॉय की अध्यक्षता वाली समिति ने तीन दिन के भीतर सोमवार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी। समिति के एक सदस्य ने प्रारंभिक निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘इस घटना की गहन और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। जिम्मेदारी तय करने और चूक का पता लगाने के लिए हमने एसआईटी के गठन की सिफारिश की है।’’
यह समिति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर गठित की गई थी। समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रॉय कर रहे हैं और इसमें मुख्य सचिव मनोज पंत तथा गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती सदस्य हैं। मेसी के कोलकाता दौरे में 13 दिसंबर को स्टेडियम में अव्यवस्था की स्थिति पैदा होने के बाद यह समिति बनाई गई थी। अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के उल्लंघन, विशेषकर स्टेडियम के भीतर पानी की बोतलें ले जाने से संबंधित नियमों को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। समिति के सदस्य ने कहा, ‘‘मौजूदा नियमों के अनुसार दर्शकों को स्टेडियम के भीतर पानी की बोतल ले जाने की अनुमति नहीं है। फिर स्टेडियम के अंदर पानी की बोतलें कैसे उपलब्ध थीं?’’रिपोर्ट सोमवार रात को सौंपी गई।
इस बीच, न्यायमूर्ति रॉय ने मंगलवार सुबह एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘स्टेडियम के भीतर पानी की बोतलों की दुकानें लगाया जाना अत्यंत असामान्य है। स्थापित मानकों का पालन नहीं किए जाने की गहन जांच की आवश्यकता है।’’ समिति ने स्टेडियम के संचालन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार एजेंसी के खिलाफ विभागीय कदम उठाए जाने की भी सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ड्यूटी पर तैनात विभिन्न एजेंसी की ओर से हुई चूकों की पहचान किए बिना जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती। उचित विभागीय कदम उठाए जाने चाहिए।’’समिति ने तोड़फोड़ की घटना की एसआईटी जांच शुरू करने और टिकट शुल्क लौटाए जाने के मुद्दे की भी जांच करने का सुझाव दिया।
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