
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) के काफिले (Convoy) पर कूचबिहार जिले में प्रदर्शन के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं (TMC workers) ने हमला (attack) किया, जिससे जिले के खगराबाड़ी इलाके में तनाव फैल गया। जिस गाड़ी में अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक बैठे थे, उसके बुलेटप्रूफ शीशे तोड़ दिए गए। एक पुलिस वाहन की खिड़की के शीशे टूट गए। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को सुनियोजित नाटक करार दिया। कूचबिहार में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर भाजपा की रैली और प्रदर्शन हुआ। इसका नेतृत्व करने और एसपी को ज्ञापन सौंपने के लिए शुभेंदु अधिकारी उत्तर बंगाल जिले की यात्रा पर आए थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिले में पार्टी विधायकों पर हाल में हुए हमलों के विरोध में कूचबिहार एसपी कार्यालय का घेराव करने की योजना बनाई थी। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों के उत्पीड़न और बंगाल में पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लागू करने का आरोप लगाया। इसका विरोध करने के लिए उन्होंने 19 स्थानों पर एक साथ धरना प्रदर्शन किया। इनमें से अधिकतर स्थान उस मार्ग पर स्थित थे जहां से अधिकारी का काफिला गुजरने वाला था। अधिकारी को घोक्साडांगा क्षेत्र के पास वापस जाओ और चोर जैसे नारों का सामना करना पड़ा। रास्ते में काले झंडे दिखाए गए।
काले झंडे लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं की भीड़
भाजपा नेताओं के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के झंडे और काले झंडे लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं की भीड़ दोपहर करीब 12 बजकर 35 मिनट पर खगराबाड़ी चौराहे पर जमा हो गई। उसी वक्त अधिकारी का काफिला इलाके से गुजर रहा था। अधिकारी ने आरोप लगाया, तृणमूल कांग्रेस रोहिंग्याओं को लेकर आए थे जो क्षेत्र में घुसपैठ कर आए थे और उनके जरिए उन पर हमला करवाया। उन्होंने दावा किया, ‘जिस कार से मैं जा रहा था उसे उन्होंने रॉड और लाठी-डंडों से तोड़ने की कोशिश की। असफल होने के बाद उन्होंने भारी पत्थरों वार कर कार के बुलेटप्रूफ शीशे को तोड़ दिया।’ उन्होंने कहा कि वह बुलेटप्रूफ गाड़ी के कारण ही आज जीवित हैं।
कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप
भाजपा नेता ने कहा कि वह कानून-व्यवस्था की विफलता को लेकर संबंधित पुलिस अधीक्षक के खिलाफ पूरी कानूनी ताकत के साथ कार्रवाई करेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘मैंने यहां आने से पहले पुलिस और प्रशासन को सूचित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे, क्योंकि इस कार्यक्रम को उच्च न्यायालय की मंजूरी मिली है और और मुझे आशंका थी कि ऐसा कुछ हो सकता है। अब एसपी परिणाम का सामना करेंगे।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने आरोप लगाया कि हमले का नेतृत्व उत्तर बंगाल विकास विभाग के मंत्री उदयन गुहा ने किया था। प्रमाणिक ने दावा किया, ‘गुहा एक स्थानीय धार्मिक संस्थान में मौजूद थे। उन्होंने भीड़ को हमले को अंजाम देने का निर्देश दिया। यह हमारी जान लेने का प्रयास था।’
‘टीएमसी का कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं’
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि इसमें तृणमूल कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं था। यह हमला भाजपा के आंतरिक कलह का नतीजा है। पूर्व सांसद और तृणमूल के कूचबिहार जिले के अध्यक्ष पार्थ प्रतीम रे ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आज भी अधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। लेकिन भाजपा नेताओं पर कोई हमला नहीं किया गया। भाजपा ने आंतरिक समर्थन जुटाने और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस हिंसा को गढ़ा।’ अभी इस बात की पुष्टि की जानी बाकी है कि क्या इस घटना में कोई घायल हुआ है या नहीं।
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