बीजिंग। बांग्लादेश (Bangladesh) में एक बार फिर से हालात बिगड़ गए हैं और हिंसक घटनाएं हो रही हैं। पिछले साल जुलाई विद्रोह के नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से पड़ोसी देश में कई जगह हिंसा और आगजनी की घटनाएं देखने को मिली हैं। मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के देश के कई मीडिया संस्थानों के दफ्तरों को भी आग के हवाले कर दिया गया। इस बीच, बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर चीन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उसने कहा है कि हम बांग्लादेश में सुरक्षित, स्थिर और सुचारू चुनाव देखना चाहते हैं। बांग्लादेश में फरवरी में आम चुनाव होने हैं।
पिछले साल अगस्त में दंगों के बीच शेख हसीना के भारत जाने से पहले चीन ने उनके नेतृत्व वाली पिछली सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे थे। बीजिंग ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के साथ संबंध बढ़ाए, जिन्होंने सहायता और निवेश के लिए चीन का दौरा किया था। बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार रात को हमलों और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिनमें चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पत्थरबाजी भी शामिल है। ये घटनाएं मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस द्वारा टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए इंकलाब मंच के नेता हादी की मौत की पुष्टि करने के बाद हुईं।
इससे पहले इंकलाब मंच ने हादी की मृत्यु की घोषणा की थी। हादी 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में एक उम्मीदवार थे। छह दिन तक जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ने के बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पिछले सप्ताह उन्होंने मध्य ढाका के विजयनगर इलाके में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी, तब एक नकाबपोश बंदूकधारी ने उनके सिर में गोली मार दी थी। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों पर हमला किया, 32 धानमंडी को हथौड़ों से तोड़ा-फोड़ा, और राजशाही सिटी में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की भंग हो चुकी पार्टी आवामी लीग के एक कार्यालय को भी ध्वस्त कर दिया।
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