
डेस्क। यूक्रेन (Ukraine) में जारी जमीनी और हवाई युद्ध (War) के बीच रूस (Russia) ने कीव के सहयोगी पश्चिमी देशों पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। 10 सितंबर को पोलैंड में रूसी ड्रोन (Drone) की घुसपैठ और उसके कुछ दिन बाद रोमानिया में हुई ऐसी ही घटनाओं के बाद, 19 सितंबर को 3 रूसी लड़ाकू विमानों (Fighter Planes) ने एस्टोनिया की हवाई सीमा का उल्लंघन किया। रातों-रात कोपेनहेगन और ओस्लो हवाई अड्डों को बंद करने पर मजबूर करने वाले ड्रोन हमलों के पीछे भी क्रेमलिन की भूमिका होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की रणनीतिक उकसावेबाजी माना जा सकता है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह रूसी ‘अवश्यंभावी जीत’ की कमजोर होती कहानी को छिपाने का प्रयास भी हो सकता है।
वैसे नाटो की प्रतिक्रिया अब तक धीमी रही है। पोलैंड में ड्रोन घुसपैठ के बाद शुरू किए गए ‘ईस्टर्न सेंट्री’ ऑपरेशन का प्रभाव सीमित रहा है, क्योंकि इसके बाद एस्टोनिया में फिर से रूसी घुसपैठ हुई और पोलैंड व जर्मनी के पास तटस्थ हवाई क्षेत्र में बिना घोषणा उड़ानें दर्ज की गईं। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने चेतावनी दी कि, “हम अपनी सीमा का उल्लंघन करने वाले किसी भी उड़ने वाली वस्तु को मार गिराने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि “ऐसे कदम उठाने से पहले दो बार सोचने की आवश्यकता है जो संघर्ष को और अधिक तीव्र कर सकते हैं।” दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विषय में सीमित प्रतिक्रिया दी है। पोलैंड में ड्रोन घुसपैठ को उन्होंने संभावित ‘गलती’ करार देते हुए नाटो सहयोगियों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता दोहराई, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुख रूसी उकसावे के सामने स्पष्ट संदेश नहीं देता।
अमेरिका द्वारा यूरोपीय देशों को भेजे जाने वाले हथियारों की आपूर्ति को भी घटाकर अपनी घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति पर केंद्रित किया गया है। बाल्टिक देशों के लिए अमेरिका का दीर्घकालिक सुरक्षा सहयोग कार्यक्रम ‘बाल्टिक सिक्योरिटी इनिशिएटिव’ भी बजट कटौती की संभावना के चलते संकट में है। यूरोप की सुरक्षा पर अमेरिका की प्राथमिकता कम होती दिख रही है, लेकिन यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया भी काफी धीमी रही है। फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, इटली और नीदरलैंड के संयुक्त रक्षा बजट अब भी अमेरिका के वार्षिक रक्षा खर्च का केवल एक चौथाई हैं। इसके अलावा, यूरोपीय रक्षा-उद्योग आधार भी कमजोर है।
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