
नई दिल्ली । दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति(economic superpower) अमेरिक(America) द्वारा H-1B वीजा के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क थोपे जाने के बाद दुनियाभर के देशों खासकर भारत में हड़कंप(Chaos in India) मचा हुआ है। इस बीच, पड़ोसी देश चीन ने ग्लोबल टैलेंट को अपने यहां रिझाने के लिए नया दांव चला है। चीन ने 1 अक्टूबर से वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के मकसद से नया K वीज़ा शुरू करने का ऐलान किया है। रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चीन ने खासकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में दुनिया भर से युवा और प्रतिभाशाली पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए नई ‘K वीज़ा’ कैटगरी शुरू करने की घोषणा की है।
क्या है K वीजा?
पिछले महीने अगस्त में स्वीकृत किए गए एक फैसले के अनुसार इस वीजा नियम में विदेशियों के प्रवेश और निकास के प्रशासन संबंधी नियमों में संशोधन किया गया है। यह अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी होगा। पर्यवेक्षक चीन की इस नई वीजा प्रणाली यानी K वीजा सिस्टम को अमेरिका के H-1B वीजा का चीनी संस्करण बता रहे हैं। यह ऐसे समय में डिजायन किया गया है और लॉन्च किया गया है, जब दुनिया भर के देश अपने यहां वर्क वीजा नियमों को कड़ा कर रहे हैं। चीन का यह दांव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए आदेश के बीच आपदा में अवसर ढूंढ़ने जैसा है।
कौन आवेदन कर सकता है?
चीन के न्याय मंत्रालय के अनुसार, K वीज़ा उन विदेशी युवा वैज्ञानिक और तकनीकी प्रतिभाओं के लिए होगा, जिन्होंने चीन या विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों या शोध संस्थानों से STEM क्षेत्रों में स्नातक या उच्चतर डिग्री प्राप्त की हो। पिछले हफ़्ते अमेरिका ने H-1B आवेदनों पर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का भारी वार्षिक शुल्क थोपने का ऐलान किया है, जिससे भारतीय तकनीकी कर्मचारियों और आईटी सेवा कंपनियों में चिंता पैदा हो गई है। ऐसे में चीन का नया वीजा सिस्टम ऐसे भारतीयों के लिए नए द्वार खोल सकता है, जो अमेरिकी झटकों से मायूस हो रहे थे।
इसी परेशानी के मद्देनजर चीन ने एक सुव्यवस्थित वीज़ा नीति की घोषणा की है, ताकि विदेशी पेशेवरों, खासकर दक्षिण एशिया के पेशेवरों को अपने यहां आकर्षित कर सके और उनका गंतव्य अमेरिका की जगह चीन हो सके। नई वीजा प्रणाली का लाभ वैसे युवा पेशेवर भी उठा सकेंगे जो, टीचिंग या रिसर्च के फील्ड में चीनी संस्थानों से जुड़ना चाहते हों।
चीनी K वीज़ा की खासियत क्या?
चीन की मौजूदा 12 सामान्य वीज़ा कैटगरी की तुलना में नई K वीज़ा प्रणाली ज्यादा लोगों को आकर्षित करेगी। इसके तहत मल्टीपल एंट्री, लंबी वैधता और अधिक समय तक ठहरने की सुविधा दी गई है। इस प्रणाली में कहा गया है कि अधिकांश वर्क वीजा की तरह इस K वीजा के लिए चीन के किसी नियोक्ता या संस्था से बुलावा या नियुक्ति पत्र की जरूरत नहीं होगी। नए नियमों के मुताबिक, K वीजा धारक चीन में आने के बाद पढ़ाई, संस्कृति, विज्ञान और तकनीक के कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, साथ ही व्यापार और उद्यमिता से जुड़े काम भी कर सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी K वीजा आवेदकों को चीनी अधिकारियों द्वारा निर्धारित योग्यताएँ और मानदंड पूरे करने होंगे और उसके समर्थन में जरूरी दस्तावेज़ पेश करने होंगे। फिलहाल वैध दस्तावेजों की लिस्ट जारी नहीं की गई है। चीनी न्याय मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि विदेशों में स्थित चीनी दूतावासों और वाणिज्य दूतावास इस बारे में विस्तृत सूचनाएं जारी करेंगे।
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