
नई दिल्ली: लोकसभा (Lok Sabha) सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) और कांग्रेस (Congress) पार्टी के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आने लगे हैं. मंगलवार (22 जुलाई,2025) को थरूर ने आलोचकों को करारा जवाब दिया. हाल ही में केरल के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन (K. Muralidharan) ने कहा था कि ‘थरूर अब हमारे साथ नहीं हैं’. हालांकि थरूर ने नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ऐसे बयान देने वालों के पास कोई ठोस आधार होना चाहिए.
थरूर ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उन्हें इसका कोई आधार बताना चाहिए. वे कौन हैं? मैं जानना चाहता हूं. फिर हम देखेंगे. दूसरों के व्यवहार पर मुझसे मत पूछिए, मैं केवल अपने व्यवहार की बात कर सकता हूं.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार के सांसद रहे के. मुरलीधरन ने हाल ही में कहा था कि जब तक शशि थरूर अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले और भारत की सैन्य प्रतिक्रिया (ऑपरेशन सिंदूर) को लेकर दिए गए बयान वापस नहीं लेते, तब तक उन्हें केरल, खासकर तिरुवनंतपुरम में किसी भी पार्टी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा. मुरलीधरन ने कहा, ‘वो हमारे साथ नहीं हैं, इसलिए बहिष्कार का कोई सवाल ही नहीं उठता.’
थरूर ने बार-बार कहा है कि वे राजनीति और राजनीतिक दलों से ऊपर विकास को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने आपातकाल, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, और हालिया पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा को लेकर भी बयान दिए, जिन्हें लेकर उनकी कड़ी आलोचना हुई.
थरूर का कांग्रेस के साथ रिश्ता 2021 से अस्थिर रहा है, जब उन्होंने G-23 नाम के असंतुष्ट नेताओं के समूह में शामिल होकर गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. पिछले कुछ महीनों में उनका पार्टी से टकराव और गहरा हुआ है, खासकर जब वे उन गिने-चुने विपक्षी सांसदों में से थे जिन्हें पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विदेशी साझेदार देशों को ब्रीफ करने के लिए चुना गया. एनडीटीवी से बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस से उनका वर्तमान संबंध कैसा है, तो उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 16 साल से पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति पूरी तरह वफादार रहा हूं.’
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