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क्या है धर्मस्थल में दफनाई गई सैकड़ों लाशों का सच? अपनी ही कहानी को झूठ बताने लगी महिला, जानें पूरा मामला

August 23, 2025

नई दिल्‍ली । कर्नाटक(Karnataka) का धर्मस्थल(Shrine) इस समय विवाद का विषय(Topic of contention) बना हुआ है। एक सफाई कर्मचारी(sweeper) ने दावा किया था कि इस इलाके में सैकड़ों लाशें दफनाई(Hundreds of corpses buried) गई हैं जिनमें से ज्यादातर महिलाओं और बच्चों की हैं। उसका दावा था कि यौन शोषण करने के बाद कई महिलाओं को मार दिया गया और यहां एक नदी के किनारे उन्हें दफना दिया गया। इसी बीच एक महिला ने दावा किया कि उसकी बेटी धर्मस्थल मंदिर के पास से 2003 में गायब हो गई थी। उसका अब तक कुछ पता नहीं चला।

एक यूट्यूब चैनल से बात करते हुए महिला ने अपने ही दावों को खारिज कर दिया है। सुजाता भट नाम की महिला ने कहा कि गिरीश मत्तान्नावर और टी जयंती ने उन्हें ऐसा बयान देने के लिए कहा था। गिरीश और जयंती दोनों इस मामले में ऐक्टिविस्ट हैं। सुजाता ने कहा था कि उनकी बेटी अनन्या धर्मस्थल में लापता हो गगई थीं। अब सुजाता ने कहा कि उनकी कोई बेटी थी ही नहीं जिसका नाम अनन्या रहा हो।


उन्होंने कहा कि अनन्या की जो तस्वीर दिखाई जा रही थी, वह भी फेक थी। सुजाता ने कहा, एक प्रॉपर्टी को लेकर उन्हें बयान देना पड़ा था। सुजाता ने कहा कि उनके दादा का एक प्लॉट

था जो कि धर्मस्थल मंदिर प्रशासन के कब्जे में चला गया था। सुजाता ने कहा कि मत्तान्नावर और जयंती ने उनसे यह कहानी गढ़ने को कहा था। हालांकि इसके बदले में उन्हें पैसा नहीं मिलाथा।

सुजाता ने कहा, मैं बस इतना जानना चाहती हूं कि बिना मेरे साइन के मेरे दादा की प्रॉपर्टी मंदिर की कैसे हो गई। सुजाता ने पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज करवाई थी और कहा था कि उनकी बेटी अनन्या 18 साल की थी और मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। मई 2003 में वह घूमने के लिए धर्मस्थल गई थी। अनन्या के दोस्त शॉपिंग के लिए चले गए और वह अकेले मंदिर के पास थी। वहीं से अनन्या गायब हो गई।

सुजाता ने यह भी कहा कि उनका भी अपहरण किया गया और बांध दिया गया। इसके बाद कहा गया कि वह धर्मस्थल मंदिर के बारे में किसी से कुछ ना बताए। सुजाता ने दावा किया कि उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि वह कोमा में चली गईँ। इसके बाद कई महीने तक बेंगलुरु के विलसन गार्डेन में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थीं।

अब सुजाता ने अपने ही बयान से दूरी बना ली है। सुजाता ने कहा कि गुस्से की वजह से उन्होंने यह मनगढ़ंत कहानी बनाई थी। इसके बदल उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला था। मास बरियल मामले में जांच कर रही एसआईटी ने सुजाता को एक नोटिस भी जारी किया था और बेलथागांडी कार्यालय में हाजिर होने को कहा था।

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