
इन्दौर (Indore)। बिजली कंपनी साल भर शहर में मेंटेनेंस करती है और शहर वासियों को अलग-अलग क्षेत्रों में 2, 3 और 4 घंटे रोजाना अंधेरे का सामना करना पड़ता है। वहीं पिछले 1 से डेढ सप्ताह से हवा-आंधी के कारण पेड़ व डालियां बिजली के तार व खंभों के साथ उलझने का दौर जारी है, जिसके चलते फाल्ट हो रहे हैं और शहर में घंटों लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है।
इंदौर शहर में तकरीबन 7 लाख उपभोक्ता बिजली कंपनी के पास हैं। प्री मानसून की गतिविधियों ने बिजली कर्मचारियों को परेशानी में डाल रखा है। वहीं बिजली कंपनी की ओर से साल भर चलाए जाने वाले मेंटेनेंस के नाम पर बत्ती गुल की पोल खोल दी है। बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर 2 से 3 घंटे रोजाना अलग-अलग क्षेत्रों में अंधेरा इसलिए करती है कि बिजली लाइनों के पास झाड़ पेड़ की छंटाई कर दी जाए। साथ ही तार, खंभे, ट्रांसफार्मर और इंसुलेटर चाक-चौबंद किए जाए, लेकिन पिछले एक-डेढ़ सप्ताह से हवा-आंधी में तार और खंभों पर पेड़ों की डालियां गिरने से आधे से ज्यादा शहर की बत्ती गुल हो रही है।
यानी बिजली कंपनी ने मेंटेनेंस ठीक से नहीं किया। पेड़ों की छंटाई मेंटेनेंस के दौरान की जाती तो लोगों को हवा-आंधी के दौरान घंटों अंधेरे में नहीं रहना पड़ता। इंदौर में बिजली कंपनी के पास 30 जोन हैं। यहां 2800 लाइनमैन, लाइन स्टाफ और बिजली कर्मचारी हैं, जबकि कुशल कर्मचारी लाइनमैन या लाइन स्टॉफ की सख्या 50 भी नहीं है। इंदौर शहर के लिए बिजली कंपनी के पास 400 परमानेंट कर्मचारी ही है। 2200 के करीब आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे शहर की बिजली व्यवस्था चल रही है। बिजली कंपनी के पास सीमित अमला है इसलिए अचानक से अलग-अलग क्षेत्रों में बत्ती गुल हो जाने पर कर्मचारियों की कमी साफ झलकती है।
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