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बंद कमरे में फडणवीस से क्या हुई डील? उद्धव बोले- ये अंदर की बात है; महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई

July 19, 2025

नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र(Maharashtra) की राजनीति(Politics) में अचानक हलचल उस समय तेज हो गई जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Chief Minister Devendra Fadnavis) ने पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे(Chief Uddhav Thackeray) को ‘महायुटी’ सरकार (‘Mahayuti’ Government)में शामिल होने के लिए गुंजाइश मौजूद रहने वाला एक बयान दे दिया। हालांकि, फडणवीस ने बाद में इसे मजाक बताया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चाएं अब भी थमी नहीं हैं। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में फडणवीस ने कहा, “उद्धव जी, 2029 तक सरकार बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है। हम विपक्ष में नहीं जाएंगे, लेकिन आपके पास यहां आने की गुंजाइश है। इस पर अलग तरीके से सोचा जा सकता है।”


हालांकि अगले ही दिन उन्होंने कहा कि यह केवल हंसी-मजाक में कहा गया था। उन्होंने कहा, “हमारे जोक को गंभीरता से क्यों लेते हैं आप? उद्धव जी ने भी इसे हल्के अंदाज में लिया है। टेंशन न लें, हम महायुति पूरी तरह सक्षम हैं।”

उद्धव ठाकरे ने भी दिया जवाब

जब मीडिया ने उद्धव ठाकरे से इस ऑफर पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं अभी प्रिंट मीडिया से बात कर रहा था और ‘चड्डी बनियान’ गैंग की बात की। चड्डी बनियान की भी एक ऐड आती है। ये अंदर की बात है।” ठाकरे के इस बयान को फडणवीस की कथित पेशकश पर तंज के तौर पर देखा जा रहा है।

मुलाकात से बढ़ी अटकलें

गुरुवार को ठाकरे और फडणवीस की विधान परिषद अध्यक्ष राम शिंदे के कक्ष में मुलाकात भी चर्चा में रही। आदित्य ठाकरे भी इस बैठक में मौजूद थे, जो लगभग 30 मिनट चली। हालांकि शिवसेना (यूबीटी) ने साफ किया कि यह बैठक मराठी भाषा के मुद्दे को लेकर थी, लेकिन समय और माहौल ने इसे राजनीतिक नजरिए से खास बना दिया।

उद्धव ठाकरे का बयान उस टिप्पणी की ओर भी इशारा करता है जो कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने विधानसभा में दी थी। उन्होंने भाजपा नीत सरकार को चड्डी बनियान गैंग करार देते हुए कहा कि राज्य में अब 20 फीसदी कमीशन संस्कृति हावी है और भाजपा ने हिंसा, कुशासन और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। वडेट्टीवार ने सदन में आरोप लगाया, “कोयता गैंग से तो महाराष्ट्र जूझ ही रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष के पास अपनी ‘चड्डी बनियान गैंग’ है, जो मनमाफिक न हो तो हिंसा पर उतर आती है।”

आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 2019 विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार बनाई थी, जो 2022 में शिंदे गुट के बागी तेवरों के चलते गिर गई।

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