
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की धरती पर सत्तारूढ़ ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार को जमकर घेरा। अलीपुरद्वार में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के शासन पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में जो कुछ हुआ… मालदा में जो कुछ हुआ… वो यहां की TMC सरकार की निर्ममता का उदाहरण है। बंगाल की जनता को अब TMC सरकार के सिस्टम पर भरोसा नहीं है। यहां की जनता के पास अब सिर्फ कोर्ट का ही आसरा है। इसलिए पूरा बंगाल कह रहा है- बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार!
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत नए सामर्थ्य के साथ समृद्धि की नई गाथा लिख रहा है। आज देश का हर नागरिक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दिनरात जुटा है। विकसित भारत बनाने के लिए पश्चिम बंगाल का भी विकसित होना बहुत जरूरी है। इसलिए पश्चिम बंगाल को भी नई ऊर्जा के साथ जुटना है। बंगाल को फिर उसी भूमिका में आना होगा, जो कभी यहां की पहचान थी। इसके लिए जरूरी है कि पश्चिम बंगाल फिर से शिक्षा का, ज्ञान-विज्ञान का केंद्र बनें। बंगाल मेक इन इंडिया का एक बहुत बड़ा सेंटर बने। बंगाल अपनी विरासत पर गर्व करते हुए, उसे संरक्षित करते हुए तेज गति से आगे बढ़े।
पीएम मोदी ने कहा, ‘केंद्र की भाजपा सरकार इसी संकल्प के साथ काम कर रही है। भाजपा पूर्वोदय की नीति पर चल रही है। बीते दशक में यहां के विकास के लिए भाजपा सरकार ने हजारों-करोड़ का निवेश किया है।’ उन्होंने कहा कि आज पश्चिम बंगाल एक साथ कई संकटों से घिरा हुआ है। एक संकट समाज में फैली हिंसा और अराजकता का है। दूसरा संकट माताओं बहनों को असुरक्षा का है, उनके साथ हो रहे जघन्य अपराधों का है। तीसरा संकट नौजवानों में फैल रही घोर निराशा का है, बेतहाशा बेरोजगारी का है। चौथा संकट घनघोर भ्रष्टाचार का है, यहां के सिस्टम पर लगातार कम होते जन-विश्वास का है। पांचवां संकट गरीबों का हक छिनने वाली सत्ताधारी पार्टी की स्वार्थी राजनीति का है। युवा, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार भ्रष्टाचार की मार झेल रहे हैं। हमने देखा है कि भ्रष्टाचार किस तरह विनाश की ओर ले जाता है, खासकर पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में। टीएमसी सरकार ने हजारों शिक्षकों और उनके परिवारों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। यह सिर्फ कुछ हजार शिक्षकों का विनाश नहीं है, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था बिगड़ रही है। अभी भी वे अपनी गलतियों को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, इसके बजाय अदालतों को दोष देते हैं।
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