
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने यमुना नदी की सफाई (cleaning of yamuna river) का वादा किया था, और कहा था कि सबसे पहले इसका काम कराया जाएगा. इसको ध्यान में रखते हुए एलजी वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने इसपर काम भी शुरू कर दिया है. एलजी ने बताया कि पीएम ने जो वादा किया था उसपर काम शुरू भी हो गया है. बीते दिनों उन्होंने मुख्य सचिव से बात की थी और इसपर तेजी से काम करने को लेकर चर्चा की थी.
अब देखा जा रहा है कि नदी में कचरा हटाने का काम तेजी से शुरू हो गया है, जिसमें ट्रैश स्किमर्स, वीड हार्वेस्टर्स और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी मशीनें सफाई के काम में जुटी हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कल मुख्य सचिव और एसीएस (आई एंड एफसी) के साथ बैठक कर तुरंत काम शुरू करने का निर्देश दिया था.
सफाई के लिए चार प्रमुख रणनीतियां तैयार
1. पहली रणनीति में, यमुना नदी से कचरा, मलबा और गाद हटाई जाएगी. साथ ही, नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंटरी ड्रेन और अन्य प्रमुख नालों की सफाई का काम भी शुरू किया गया है.
2. दूसरी रणनीति में नजफगढ़ नाला, सप्लीमेंट्री नाला और अन्य सभी प्रमुख नालों की सफाई का काम भी शुरू हो जाएगा।
3. तीसरी रणनीति में मौजूद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की क्षमता और उत्पादन पर रोजाना निगरानी रखी जाएगी.
4. चौथी रणनीति के अंतर्गत नई एसटीपी और डीएसटीपी के निर्माण के लिए एक समयबद्ध योजना तैयार की गई है, ताकि लगभग 400 एमजीडी गंदे पानी की वास्तविक कमी को पूरा किया जा सके.
इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच तालमेल पर जोर दिया जा रहा है, ताकि काम में बाधा न आए. डीजेबी, आई एंड एफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसी एजेंसियां इन कामों को पूरा करेंगी. इन कामों की साप्ताहिक आधार पर उच्च स्तर पर निगरानी की जाएगी.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि नगर के औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में बिना गंदा पानी न छोड़ें. यमुना के पुनरुद्धार का काम जनवरी 2023 में मिशन मोड में शुरू किया गया था, जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने उपराज्यपाल सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (HLC) का गठन किया था.
हालांकि, पांच बैठकों के बाद, तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और एनजीटी के आदेश पर रोक लगवा दी थी. इसके बाद, यमुना पुनरुद्धार का काम फिर से ठप हो गया और जो सीओडी/बीओडी स्तर में थोड़ा-बहुत सुधार हो रहा था, वो भी बिगड़ गया, और इस साल के शुरू में प्रदूषण ने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.
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