
नई दिल्ली। गेहूं (Wheat) की उपलब्धता और कीमतों (Price) को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) ने राहतभरी जानकारी दी है। खाद्य सचिव (Food Secretary) ने गुरुवार को कहा कि खुले बाजार हस्तेक्षप योजना के तहत सरकारी भंडार से गेहूं बेचने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आपूर्ति पर्याप्त है और कीमतें स्थिर हैं।
भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ की वैश्विक गोलमेज बैठक के अवसर पर कहा कि पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। हमने काफी अच्छी मात्रा में खरीद की है। इसलिए बाजार में पर्याप्त आपूर्ति है। कीमतें पहले से ही स्थिर हैं। इसलिए गेहूं ओएमएसएस की कोई जरूरत नहीं है।
सरकार, खुले बाजार बिक्री योजना के जरिए गेहूं की आपूर्ति और कीमतों को नियंत्रित करती है। इस योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा केंद्रीय भंडार में मौजूद अतिरिक्त गेहूं को निर्धारित आरक्षित मूल्य पर सीधे बाजार में बेचा जाता है।
भारत ने मार्च में समाप्त वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान ओएमएसएस के तहत लगभग 3 मिलियन टन गेहूं बेचा। वहीं 2023-24 में यह लगभग 10.1 मिलियन टन था। देश का गेहूं उत्पादन 2024-25 फसल वर्ष में रिकॉर्ड 117.5 मिलियन टन होने का अनुमान है।
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