मुंबई। 1980 में रिलीज हुई फिल्म ‘कर्ज’ (Loan) से ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) को बहुत उम्मीदें थीं. उन्हें यकीन था कि यह फिल्म सुपरहिट होगी, लेकिन रिलीज के एक हफ्ते बाद विनोद खन्ना और फिरोज खान (Firoz Khan) की फिल्म ‘कुर्बानी’ ने इसकी कमाई को प्रभावित किया. ‘कर्ज’ बॉक्स ऑफिस पर औसत रही, जिससे ऋषि बहुत निराश हुए. समय के साथ यह फिल्म एक कल्ट क्लासिक बन गई, खासकर इसके संगीत के लिए. पुनर्जनम की कहानी ने कई अन्य फिल्मों को प्रेरित किया. ऋषि ने अपने जीवनकाल में इसकी बढ़ती लोकप्रियता देखी, लेकिन निर्देशक सुभाष घई ने अफसोस जताया कि ऋषि इस साल फिल्म की 45वीं सालगिरह नहीं मना सके.
हाल ही में सुभाष घई ने रोडियो नशा से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपनी कई फिल्मों के बारे में बात की. बातचीत में सुभाष घई ने बताया कि ऋषि को उनके संगीतमय निर्देशन पर शक था. गाने “दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर” के सेट पर कोई कोरियोग्राफर नहीं था. ऋषि कपूर को लगता था कि सुभाष घई बिना मदद के इसे अच्छे से शूट नहीं कर पाएंगे, लेकिन अंतिम गाना देखकर वे हैरान रह गए. सुभाष घई ने कहा, “वह सोच रहे थे कि क्या मुझमें संगीत की समझ है.”
आखिरकार, ‘कर्ज’ ने लोकप्रियता हासिल की. घई ने कहा, “अगर ऋषि आज होते, तो वे हमारे साथ 45वीं सालगिरह मना रहे होते.” ऋषि का 2020 में कैंसर से निधन हो गया. उन्होंने न्यूयॉर्क में इलाज कराया और अपनी आखिरी फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ का हिस्सा पूरा किया. अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ में ऋषि ने लिखा, “कर्ज की असफलता ने मेरा आत्मविश्वास तोड़ दिया. मुझे लगा था कि यह मेरे करियर को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी.”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved