मुंबई। 90 के दशक के सुपरस्टार गोविंदा (Govinda) अपनी फिल्मों के डांस स्टेप्स की तरह ही अपनी ‘लेटलतीफी’ के लिए भी मशहूर रहे हैं. उनकी इस आदत की कई बार किस्से सुनने को मिले हैं, लेकिन एक नई कहानी ने एक बार फिर चर्चा तेज कर दी है. एक्टर रजत बेदी (Rajat Bedi) ने खुलासा किया है कि फिल्म ‘जोड़ी नंबर 1’ के सैट पर गोविंदा ने अपने को स्टार संजय दत्त को एक-दो नहीं बल्कि पूरे 9 घंटे का इंतजार कराया था. गोविंदा की इस हरकत पर संजय आग बबूला हो गए और उन्होंने डायरेक्टर डेविड धवन से सीन ही बदलवा दिया.
यह किस्सा साल 2001 की फिल्म ‘जोड़ी नंबर 1’ की शूटिंग के दौरान का है, जिसमें गोविंदा, संजय दत्त, ट्विंकल खन्ना और मोनिका बेदी जैसे सितारे थे. फिल्म एक हिट रही, लेकिन इसके पीछे की कहानियां अब जाकर सामने आ रही हैं. राजत बेदी ने हाल ही में सिद्धार्थ कन्नन के यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू में इस वाकये को याद किया.
वह आगे कहते हैं- ‘घंटे बीतते गए, लेकिन गोविंदा का कोई अता-पता नहीं था. डेविड और हम सब गोविंदा का इंतजार कर रहे थे ताकि काम शुरू हो सके फिर हमें पता चला कि गोविंदा घर पर हैं. सेट से किसी को उनके घर भेजा गया, जो बाहर बैठकर उन्हें लाने का इंतजार करता रहा.
जैसे-जैसे समय गुजरता गया, संजय दत्त का सब्र जवाब देने लगा. रजत ने बताया, ‘8 घंटे बीतने के बाद, दोपहर 2 बजे तक संजय गुस्से में भड़क गए. उन्होंने संजय की नकल उतारते हुए बताया कि संजय गोविंदा को गालियां दे रहे थे.
तभी पता चला कि गोविंदा घर पर नहीं थे बल्कि हैदराबाद से फ्लाइट लेकर आ रहे थे. किसी को पता ही नहीं था कि वे हैदराबाद से सीधे सेट पर आ रहे हैं. उन दिनों कोई नहीं जानता था कि वे कहां हैं, क्योंकि वे 4-5 शिफ्ट्स कर रहे थे. उस जमाने में मोबाइल फोन भी इतने एडवांस नहीं थे, इसलिए कम्युनिकेशन की समस्या आम थी’.
रजत बेदी ने आगे बताया कि आखिरकार, दोपहर 3 बजे गोविंदा सेट पर पहुंचे. वे काम करने के लिए पूरी तरह तैयार थे. असिस्टेंट ने सीन की स्क्रिप्ट संजय को दी, लेकिन संजय ने देखा कि उनके पास ढेर सारे डायलॉग्स हैं, जबकि गोविंदा के कम.
संजय इतने गुस्से में थे कि उन्होंने असिस्टेंट को गालियां दीं और कहा, ‘ये लाइंस गोविंदा को दो, मैं नहीं करूंगा.’ नतीजा यह हुआ कि पूरा सीन मौके पर ही बदल दिया गया. संजय ने मिनिमम लाइंस वाले पार्ट चुना और गोविंदा को ज्यादा डायलॉग्स मिले. रजत ने बताया कि गोविंदा ने शूटिंग शुरू की और सिर्फ 2 घंटे में पूरा सीन खत्म कर दिया वो एक परफॉर्मर हैं.
आपको बता दें कि 1990 के दशक में गोविंदा का करियर चरम पर था. लेकिन 2000 के बाद फ्लॉप्स की झड़ी लग गई, जैसे ‘अखियों से गोली मारे’ और ‘क्यो कि मैं झूठ नहीं बोलता’. उनकी लेटलतीफी की वजह से कई प्रोड्यूसर्स परेशान हुए. एक बार तो सलमान खान ने भी गोविंदा की देरी पर कमेंट किया था लेकिन गोविंदा हमेशा कहते रहे कि वे ज्यादा काम की वजह से ऐसा करते थे, न कि जानबूझकर.
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