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जब उपराष्ट्रपति ने दे दिया था इस्तीफा, राष्ट्रपति की भी हो गई थी मौत; फिर किसने संभाली थी अहम जिम्मेदारी?

July 23, 2025

नई दिल्‍ली । बात 1969 की है, जब देश पहली बार उपराष्ट्रपति(Vice President) के इस्तीफे (Resignation)का गवाह बना था। जगदीप धनखड़(Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे से ठीक 56 साल पहले। इस बार भी उसी तरह की स्थितियां बनी हैं लेकिन आधी-अधूरी और वजह एकदम अलग। मौजूदा मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने पद पर बनी हुई हैं, जबकि 1969 में राष्ट्रपति अपने पद पर नहीं थे। दूसरी बात, तब के उप राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था लेकिन धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है।


बहरहाल, बात करते हैं 1969 की। उस वक्त जाकिर हुसैन देश के राष्ट्रपति थे। 3 मई 1969 को पद पर रहते हुए उनका निधन हो गया था। वह देश के तीसरे राष्ट्रपति थे और पद पर मृत्यु को प्राप्त करने वाले पहले राष्ट्रपति थे। वह 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक इस पद पर रहे। उस वक्त वीवी गिरी देश के उपराष्ट्रपति थे। जाकिर हुसैन के निधन के बाद वीवी गिरी को देश का पहला कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह 3 मई 1969 से 20 जुलाई 1969 तक इस पद पर रहे।

वीवी गिरी ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए छोड़ा थी पद

जब राष्ट्रपति का चुनाव होने लगा तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था। इस पद पर चुनाव लड़ने के लिए वीवी गिरी को तब इस्तीफा देना पड़ा था। यानी उस वक्त राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों पद पर कोई नहीं था। तब संविधान के प्रावधानों के मुताबिक, देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद हिदायतुल्ला को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह ऐसे दूसरे शख्स थे जिन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभाई थी। वह 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक इस पद पर रहे।

तत्कालीन CJI एक महीने तक रहे थे कार्यवाहक राष्ट्रपति

यानी एक महीने से अधिक समय तक मुख्य न्यायाधीश भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे। उन्होंने इस जिम्मेदारी को निभाते हुए तब राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की मेजबानी भी की थी। इसके बाद राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज कर वीवी गिरी ने 24 अगस्त 1969 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह देश की तीसरे उपराष्ट्रपति और चौथे राष्ट्रपति बने।

कार्यकाल पूरा किए बिना पद छोड़ने वाले धनखड़ चौथे उप राष्ट्रपति

सोमवार (21 जुलाई) को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ पाँच साल का कार्यकाल पूरा किए बिना पद छोड़ने वाले ऐसे चौथे उपराष्ट्रपति बन गए हैं। हालाँकि, धनखड़ का मामला बाकी सब से अलग है। अन्य उपराष्ट्रपतियों ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ा था। वीवी गिरि के अलावा, रामास्वामी वेंकटरमन (1987) और शंकर दयाल शर्मा (1992) अन्य दो ऐसे उपराष्ट्रपति थे जिन्होंने कार्यकाल के बीच में ही पद छोड़ दिया और राष्ट्रपति चुनाव लड़कर राष्ट्रपति बने थे।

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