
नई दिल्ली: दो देशी तेजस (Tejas) मार्क 1ए फाइटर जेट्स (Fighter Jets) सितंबर अंत तक भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को सौंपे जाने की संभावना है, यह जानकारी रक्षा सचिव (Secretary of Defense) आर.के. सिंह ने शनिवार को दी. उन्होंने बताया कि तेजस जेट्स मीग 21 की जगह लेंगे और भारतीय वायु सेना के लिए अहम कार्यभार निभाएंगे.
आर.के. सिंह (RK Singh) ने बताया कि वर्तमान में 38 तेजस जेट्स सेवा में हैं और लगभग 80 अन्य का निर्माण चल रहा है. इनमें से 10 तैयार हैं और दो इंजन पहले ही डिलीवरी के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि सितंबर में पहले दो जेट्स हथियारों के साथ डिलीवर किए जाएंगे. अगले महीने हम इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट साइनिंग करेंगे . उन्होंने यह भी बताया कि इस उत्पादन योजना के कारण हॉलीवुड एरोस्पेस लिमिटेड (HAL) के पास अगले चार पांच वर्षों के लिए पर्याप्त ऑर्डर बुक है, जिससे वे इस प्लेटफॉर्म को पूरी तरह परिपूर्ण कर सकेंगे और इसमें भारतीय राडार और हथियार भी इंटीग्रेट होंगे.
आर.के. सिंह ने आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “अब यह रणनीतिक आवश्यकता है कि हम आत्मनिर्भर बनें ताकि हमारी रणनीतिक स्वतंत्रता बनी रहे. 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद से आत्मनिर्भरता पर लगातार जोर दिया गया है.’ उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत अपने पूंजीगत खर्च का 75% घरेलू स्तर पर खर्च कर रहा है और विदेशी निर्माताओं को अधिकतर ऑर्डर पाने के लिए भारत में निवेश करना और निर्माण करना अनिवार्य है.
ऑपरेशन सिंदूर के अनुभव पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत की वायु रक्षा प्रणालियों के लिए एक “रियलिटी चेक’ साबित हुआ. उन्होंने कहा कि ड्रोन में अभी काफी सुधार की आवश्यकता है. “हमारे नागरिक ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में काफी विकास हुआ है, लेकिन मिलिट्री ग्रेड ड्रोन हासिल करने के लिए अधिक प्रयास जरूरी हैं, और हमारे निर्माता इसे जानते हैं.’
आर.के. सिंह ने अनुसंधान और विकास के महत्व को मान्यता देते हुए कहा कि दृष्टिकोण व्यवहारिक होना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि महत्वपूर्ण तकनीक आसानी से साझा नहीं की जाएगी. हमें भारतीय डिज़ाइन और विकास पर ध्यान देना चाहिए ताकि हमारी सेनाओं की क्षमता अन्य देशों से पीछे न रहे.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved