
संभागायुक्त अभय वर्मा ने दिखाई नई राह, सबको साथ लेकर प्रारंभ की ज्ञानाश्रय कोचिंग, बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क अध्ययन की व्यवस्था, लालची निजी संस्थानों के दौर म
विवेक उपाध्याय, जबलपुर। वे बच्चे, जो मेधावी तो हैं, लेकिन उनके पास अच्छी पढ़ाई की सुविधा नहीं है। वे बच्चे, जो देश का भविष्य जगमगा सकते हैं,लेकिन वे संसाधन विहीन हैं। ऐसे बच्चों के लिए ज्ञानाश्रय कोचिंग ने न केवल आशा की किरण जगायी है,बल्कि शिक्षा के क्षेत्र को एक नई राह भी दिखाई है। ज्ञानाश्रय में ज्ञान के द्वार खोलने के लिए जेब में धन होने की अनिवार्य शर्त नहीं है। ये कहना है संभागायुक्त अभय वर्मा का। लगातार दो साल से अनवरत शिक्षा दान के महासंकल्प में जुटे श्री वर्मा ने अग्निबाण से विशेष बातचीत में अपने अनुभव और सकारात्मक परिणामों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रेरणा और जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सहयोग से ये यात्रा प्रारंभ हुई,जो निरंतर गतिमान है।
कैसे हुई शुरुआत
ज्ञानाश्रय की शुरुआत अप्रैल 2022 में हुई। श्योपुर के एक एनजीओ ज्ञानाश्रय और जबलपुर जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से मॉडल हाई स्कूल में ये क्लासेज प्रारंभ हुईं। तब से अब तक अबाध गति से शिक्षा दान का ये महायज्ञ जारी है। श्री वर्मा ने ही श्योपुर के एनजीओ ज्ञानाश्रय के संचालकों से संपर्क स्थापित किया और सारे इंतजाम किए।
बच्चे चुनते हैं अपने शिक्षक
ज्ञानाश्रय की एक अनूठी बात ये भी है कि यहां पढऩे वाले बच्चे अपने शिक्षकों का चयन करते हैं। यानी बच्चों की सिफारिश पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। पहले कुछ दिन तक शिक्षक यहां पढ़ाते हैं फिर बच्चों से रिपोर्ट ली जाती है कि कौन से शिक्षक ठीक हैं और कौन से नहीं।
जिसके शिक्षक नहीं मिलते, वो पढ़ाते हैं कमिश्नर वर्मा
संभागायुक्त श्री वर्मा जी नियमित रूप से प्रत्येक सोमवार को ज्ञानाश्रय के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। श्री वर्मा वही विषय पढ़ाते हैं,जिनके शिक्षक उपलब्ध नहीं होते। वर्तमान में वे करंट अफेयर्स का अध्ययन करा रहे हैं। इससे पूर्व श्री वर्मा राजनीति विज्ञान, विज्ञान, भूगोल एवं पर्यावरण आदि विषय पढ़ा चुके हैं। चूंकि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से करंट अफेयर्स कठिन है और बेहद अहम भी इसलिए श्री वर्मा ने ये जिम्मेदारी स्वयं उठा रखी है।
प्रायवेट कोचिंग से बेहतर स्टडी
श्री वर्मा ने बताया कि जब उन्होंने ज्ञानाश्रय का आगाज किया तो अगले कुछ ही दिनों में अच्छे नतीजे भी सामने आने लगे। बच्चों ने खुद उनसे कहा कि ज्ञानाश्रय की पढ़ाई निजी कोचिंग से ना केवल अच्छी है,बल्कि गुणवत्ता भी बेहतर है। बच्चों के इस रुख से श्री वर्मा उत्साहित हुए और इसे तेजी से आगे बढ़ाने में जुट गये। मॉडल हाई में संचालित कोचिंग केवल रविवार को बंद रहती है। सुबह 7 से 9 रोजाना बच्चों को ज्ञानार्जन कराया जा रहा है। क्लास में अभी 100 सीटें हैं,जो फुल हैं। इस कोचिंग के लिए बच्चों का चयन पहले आओ, पहले आओ के आधार पर किया जाता है। कोचिंग के उन शिक्षकों की भी तारीफ की जानी चाहिए, जो नि:शुल्क सेवा देकर इस महायज्ञ में जुटे हुए हैं।
ऑनलाइन भी जुड़े हजारों स्टूडेंट्स
श्री वर्मा ने बताया कि अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी हजारों बच्चे इन क्लासेज से सीधे जुड़ते हैं। क्लासेज की लाइव स्ट्रीमिंग की जाती है। वीडियो भी अपलोड किए गये हैं,जिन्हें कहीं से भी कभी भी देखा-सुना जा सकता है।
संभागायुक्त अभय वमार्:एक परिचय
जबलपुर संभागायुक्त अभय वर्मा मूलत:बिहार के भागलपुर जिले के मूल निवासी है। उन्होंने पटना से 1990 में भू-गर्भ शास्त्र विषय पर बीएससी और एमएससी के पढ़ाई की। इसके बाद वे मप्र राज्य प्रशासनिक सेवा में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुये। उन्होंने दुर्ग, रायगढ़, छिंदवाड़ा,बुरहानपुर,कटनी,भोपाल,मुरैना और पन्ना में विभिन्न प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निर्वहन किया। आईएएस अवॉर्ड होने के पश्चात श्री वर्मा सीधी, नरसिंहपुर,अशोक नगर एवं आगर-मालवा में कलेक्टर पदस्थ हुये। इसी क्रम में उन्हें स्कूल शिक्षा के आयुक्त की जिम्मेदारी भी दी गयी और वर्तमान में वे जबलपुर संभागायुक्त के पद पर हैं।ें बड़ी राहत है ये शुरुआत
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