
नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध (war) की वजह से वैश्विक राजनीति में लगातार उथल-पुथल मची हुई है। बुधवार को वाइट हाउस (white house) की तरफ से दावा किया कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Russian President Putin) ने युद्ध को खत्म करवाने के लिए जल्द से जल्द अपने अमेरिकी समकक्ष से मिलने की इच्छा जताई है। अमेरिका भी इस मुलाकात के लिए पहले से ही तैयार है। ऐसे में इन दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात जल्द ही हो सकती है। यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है, जिनमें कहा जा रहा था कि ट्रंप अगले हफ्ते ही अपने रूसी और यूक्रेनी समकक्ष से मिल सकते हैं। उनकी इस मुलाकात में एक नए सिरे से युद्ध को खत्म करने की शुरुआत होगी।
इन तीनों राष्ट्र प्रमुखों की अगली मुलाकात के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब वाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलीन लैविट ने दिया। उन्होंने कहा,”रूसियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की इच्छा जताई है… और राष्ट्रपति ट्रंप पुतिन और जेलेंस्की दोनों से मिलने के लिए तैयार हैं।” इसके अलावा एएफपी ने एक वरिष्ठ यूक्रेनी सूत्र के हवाले से कहा है अमेरिकी दूत विटकॉफ की मॉस्को यात्रा के बाद ट्रंप की जेलेंस्की से फोन पर बात हुई। इस बातचीत में दोनों नेताओं के अलावा नाटो प्रमुख, ब्रिटेन, जर्मनी और फिनलैंड के नेता शामिल थे। इस फोन कॉल के दौरान तीनों नेताओं की जल्द से जल्द मुलाकात की संभावना पर भी चर्चा की गई।
इन तीनों राष्ट्र प्रमुखों की अगली मुलाकात के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब वाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलीन लैविट ने दिया। उन्होंने कहा,”रूसियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की इच्छा जताई है… और राष्ट्रपति ट्रंप पुतिन और जेलेंस्की दोनों से मिलने के लिए तैयार हैं।” इसके अलावा एएफपी ने एक वरिष्ठ यूक्रेनी सूत्र के हवाले से कहा है अमेरिकी दूत विटकॉफ की मॉस्को यात्रा के बाद ट्रंप की जेलेंस्की से फोन पर बात हुई। इस बातचीत में दोनों नेताओं के अलावा नाटो प्रमुख, ब्रिटेन, जर्मनी और फिनलैंड के नेता शामिल थे। इस फोन कॉल के दौरान तीनों नेताओं की जल्द से जल्द मुलाकात की संभावना पर भी चर्चा की गई।
गौरतलब है कि तीनों नेताओं के बीच यह मुलाकात के कयास अमेरिकी दूत विटकॉफ की मॉस्को यात्रा के बाद से लगाए जा रहे हैं। बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दूत विटकॉफ और पुतिन के बीच हुई इस बातचीत को बेहतर बताया था। आपको बता दें कि ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली यह मुलाकात भारत के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि कल ही राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के ऊपर रूसी तेल खरीदने की वजह से 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इस बढ़े हुए टैरिफ की वजह से अब अमेरिका पहुंचने वाली भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ 50 फीसदी तक पहुंच गया है।
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