
नई दिल्ली । क्रिकेट के खेल(Cricket games) की आत्मा को बेचने वालों के खिलाफ बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड(Bangladesh Cricket Board) सख्ती दिखा रहा है। यही कारण है कि बीसीबी की एंटी करप्शन यूनिट(Anti Corruption Unit) यानी एसीयू ने एक बल्लेबाज पर मैच फिक्सिंग (match fixing)में शामिल पाए जाने पर पांच साल का बैन लगाने की सिफारिश की है। बल्लेबाज मिन्हाजुल अबेदीन सब्बीर को ढाका प्रीमियर लीग के पिछले सत्र में मैच फिक्सिंग करने का दोषी पाया गया है। सब्बीर को अब पांच साल बैन झेलना पड़ सकता है। अप्रैल में ही इसकी जांच शुरू हो गई थी।
यह सिफारिश इस वर्ष के शुरू में शाइनपुकुर क्रिकेट क्लब और गुलशन क्रिकेट के बीच हुए डीपीएल मैच में एसीयू द्वारा की गई जांच के बाद आई है, जिसमें दो विवादास्पद डिसमिसल फैसलों को लेकर सवाल उठाए गए थे। क्रिकबज के मुताबिक, उस मैच के 36वें ओवर में ओपनर रहीम अहमद बाएं हाथ के स्पिनर निहादुज्जमां की गेंद पर क्रीज से बाहर निकल गए और स्टंप आउट हो गए। हैरानी की बात ये थी कि उन्होंने लौटने की कोशिश तक नहीं की। इसके अलावा दूसरा मामला सब्बीर से जुड़ा है।
मैच के 44वें ओवर में भी ऐसा ही कुछ हुआ, जब मिन्हाजुल अबेदीन सब्बीर गार्ड लेने के बाद क्रीज से आगे निकल गए, जिससे गुलशन के विकेटकीपर महिदुल इस्लाम अंकोन ने बिना किसी विरोध के स्टंपिंग कर दी। एसीयू दस्तावेजों के अनुसार, सब्बीर को संदिग्ध सट्टेबाजों के साथ संपर्क करके और संपर्कों की रिपोर्ट करने में विफल रहने के कारण बीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता की कई धाराओं का उल्लंघन करते पाया गया। मामला अब एंटी करप्शन कोर्ट में है।
एसीयू की रिपोर्ट में कहा गया है, “साक्ष्यों को देखते हुए, हम (सब्बीर पर) सभी प्रकार के क्रिकेट से कम से कम पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर रहे हैं। इसके अलावा आठ से दस वर्ष या उससे अधिक का प्रतिबंध लगाने की भी संभावना है। यह अपराध की गंभीरता को दर्शाता है और एक निवारक के रूप में कार्य करता है। मोहम्मद अशरफुल के आठ साल के निलंबन जैसे तुलनात्मक मामले भी कठोर दंड का समर्थन करते हैं।”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved