
भरतपुर । शिक्षा मंत्री (Education Minister) मदन सिंह दिलावर (Madan Singh Dilawar) ने कहा कि किसने कह दिया कि (Who said that) धर्म (Religion) पूजा पद्धति के आधार पर चलता है (Runs on the basis of Worship) । उन्होंने मीडियाकर्मियों के सवाल पर ये बात कही । शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन सिंह दिलावर ने भरतपुर पहुंचकर कलेक्ट्रेट में संभाग स्तरीय स्वच्छता अभियान को लेकर मीटिंग ली । मीटिंग के बाद मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों में पूजा के लिए सरस्वती मां की मूर्ति लगाई जानी चाहिए।
मीडियाकर्मियों ने उनसे जानना चाहा कि धर्म निरपेक्षता कानून में साफ-साफ लिखा है कि किसी भी सरकारी स्कूल और संस्थानों में धर्म को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। इस सवाल पर मंत्री भड़क गए और बोले कि धर्म की परिभाषा बताइए। किसान का धर्म फसल पैदा करना है, विद्यार्थी का धर्म अच्छी पढ़ाई करना है और शिक्षक का धर्म है अच्छी शिक्षा देना । पूजा पद्धति धर्म थोड़े ही न है। किसने कह दिया कि पूजा पद्धति धर्म है। जो पूजा पद्धति को धर्म मानता है उसके मस्तिष्क में विकार है। मेरा धर्म है कि मैं अपने मंत्रालय का काम सही से करूं । जिला कलेक्टर का धर्म है जिले को अच्छी तरह से चलाएं। यह किसने कह दिया की पूजा पद्धति ही धर्म है। मैं तो नहीं मानता।
दिलावर ने कहा कि मैं हिंदू मैं पैदा हुआ हूं। चोटी रखने वाला हिंदू है और बिना चोटी वाला हिंदू नहीं है। मूर्ति पूजा करने वाला भी हिंदू है और बिना पूजा करने वाला भी हिंदू है तो यह किसने कह दिया कि धर्म पूजा पद्धति के आधार पर चलता है। मैं इस बात को नहीं मानता, इतना कहकर मंत्री चुप हो गए, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्षता में साफ-साफ कहा गया है कि किसी भी सरकारी विद्यालयों व संस्थानों में धर्म को बढ़ावा नहीं देना है अगर धर्म को बढ़ावा दिया गया तो धर्मनिरपेक्षता देश का जो मूल भाव है उसका हनन है।
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