
इस्लामाबाद। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization (WHO)) ने विनाशकारी बाढ़ (devastating flood) के मद्देनजर पाकिस्तान (Pakistan) में जलजनित बीमारियों (waterborne diseases) के फैलने की आशंका व्यक्त की है. डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा और इससे हैजा और अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
डब्ल्यूएचओ ने पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों और खासकर सबसे बुरी तरह प्रभावित सिंध प्रांत के लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है. टेड्रोस ने शनिवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि ठहरा हुआ पानी मच्छरों के पनपने का कारण बन सकता है, जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।
पाकिस्तान में बाढ़ के चलते देश के लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. बीते बुधवार को बाढ़ के संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कोऑर्डिनेटर जूलियन हार्निस ने बुधवार को कहा था कि दक्षिण एशियाई देश को मिली 150 मिलियन डॉलर की विदेशी सहायता में से केवल 38.35 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि को सहायता में बदला गया है। एक के अनुसार बाढ़ से त्रस्त इस देश में मानवीय राहत की मांग बहुत अधिक है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उचित धन जमीन तक नहीं पहुंच पा रहा है।
इस बीच, जूलियन हार्निस ने कहा था कि भारी धन मिलने के बावजूद पाकिस्तान के कई प्रांतों में स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में 160 मिलियन डॉलर की फ्लैश अपील पर्याप्त नहीं होगी. वह सरकार और अन्य भागीदारों के साथ चर्चा कर रहे हैं, इसके बाद फ्लैश अपील में संशोधन करेंगे. हार्निस ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई फ्लैश अपील वर्तमान में छह महीने के लिए है, और यह सिर्फ छह मिलियन लोगों के लिए पर्याप्त है।
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