img-fluid

भद्रा के साए में भाई की कलाई पर राखी बांधने से क्‍यों डरती हैं बहनें? जानें इसके पीछे की वजह

August 09, 2022

नई दिल्ली। रक्षाबंधन(Raksha Bandhan) का त्योहार 11 अगस्त 2022 को है और राखी के इस त्योहार पर लोग भद्रा के साए को लेकर बहुत कन्फ्यूज़ हैं. ज्योतिषियों (astrologers) का कहना है कि इस साल भद्रा का साया पाताल लोक में है. इसलिए पृथ्वी पर होने वाले शुभ और मांगलिक कार्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. दरअसल, रक्षाबंधन पर भद्रा के साए में भाई की कलाई पर राखी बांधना अपशकुन समझा जाता है. आइए इसी कड़ी में आज आपको बताते हैं कि आखिर भद्रा कौन है और इसके साए में राखी बांधने से बहनें क्यों डरती हैं.



कौन है भद्रा?
शास्त्रों के अनुसार, भद्रा सूर्यदेव (Sun god) की बेटी और ग्रहों के सेनापति शनिदेव(Commander Shani Dev) की बहन है. शनि की तरह इनका स्वभाव भी कठोर माना जाता है. इनके स्वभाव को समझने के लिए ब्रह्मा जी ने काल गणना या पंचांग में एक विशेष स्थान दिया है. भद्रा के साए में शुभ या मांगलिक कार्य(demanding work), यात्रा और निर्माण कार्य निषेध माने गए हैं. श्रावण मास (shravan month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर जब भद्रा का साया रहता है, तब भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधी जाती है.

हिंदू पंचांग के कुल 5 प्रमुख अंग होते हैं- तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण. इसमें करण का विशेष स्थान होता है जिसकी संख्या 11 होती है. 11 करणों में से 7वें करण विष्टि का नाम ही भद्रा है. भद्रा के साए में शुभ कार्य करने से लोग डरते हैं. ऐसा कहते हैं कि लंकापति रावण की बहन सूर्पनखा ने भद्रा के साए में ही उसे राखी बांधी थी और इसके बाद उसके साम्राज्य का विनाश हो गया था.

कब रहता है भद्रा का अशुभ प्रभाव?
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि भद्रा अलग-अलग राशियों में रहकर तीनों लोकों का भ्रमण करती है. जब यह मृत्युलोक में होती है तो शुभ कार्यों में बाधा और सर्वनाश करने वाली होती है. भद्रा जब कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में रहती तो भद्रा विष्टी करण योग बनता है. इस दौरान भद्रा पृथ्वी लोक में ही रहती है. ऐसे में तमाम शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं.

Share:

  • आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर सरकार सख्‍त, अब इस मंजूरी के बिना नहीं होगा एक्सपोर्ट

    Tue Aug 9 , 2022
    नई दिल्ली। भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां (India Wheat Export Ban) लगाने के बाद अब आटा (India Wheat Flour Export Ban), मैदा (India Maida Export Ban) और सूजी के निर्यात को भी सख्त बनाने का निर्णय लिया है. इससे पहले सरकार ने मई महीने में गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved