अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर (Ashok Nagar MP) जिले के चंदेरी शहर (Chanderi city) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर नगर पालिका (Nagar Palika) से हटाए गए 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने प्रशासन को धर्मांतरण करने की धमकी दी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 10 दिन के अन्दर उन्हें बहाल नहीं किया गया तो वे सामूहिक रूप से सनातन धर्म को छोड़ देंगे। इन कर्मचारियों ने एसडीएम शुभ्रता त्रिपाठी से सामूहिक धर्म परिवर्तन की अनुमति भी मांगी थी, जिसे उन्होंने यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया कि संविधान उन्हें ऐसी किसी अनुमति देने की इजाजत नहीं देता। कर्मचारियों ने उन्हें हटाने के पीछे स्थानीय विधायक का दवाब होने का आरोप लगाया।
कर्मचारी बोले- भुखमरी की कगार पर आ गया परिवार
पीड़ित दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी अपनी बहाली की मांग को लेकर मंगलवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने सामूहिक धर्म परिवर्तन की अनुमति के लिए आवेदन दिया, साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अधिकांश पार्षदों की मिलीभगत से 153 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है, जिससे उनके परिवार भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हटाए गए अधिकांश कर्मचारी वर्षों से सेवा दे रहे थे और इनमें 95 प्रतिशत से अधिक सनातन धर्म के अनुयायी हैं।
दैवेभो कर्मचारियों ने विधायक पर लगाया आरोप
एसडीएम को सौंपे गए आवेदन में कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें हटाने का निर्णय 23 सितंबर को नगरपालिका की एक विशेष बैठक में लिया गया था। कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह फैसला स्थानीय विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी के दबाव में लिया गया। इस दौरान बैठक में कुल 16 पार्षदों में से 12 ने उन्हें हटाने के पक्ष में सहमति दी। बता दें कि नगर पालिका ने आर्थिक तंगी को कारण बताते हुए इन दैवेभो कर्मचारियों को हटाने का फैसला लिया था।
कर्मचारी बोले- मजबूरन करना पड़ेगा धर्मपरिवर्तन
सत्यम मिश्रा ने कहा, ‘यदि आगामी 10 दिनों के भीतर कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो वे सामूहिक रूप से सनातन धर्म त्यागकर अन्य धर्म अपनाने के लिए बाध्य हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि कर्मचारी यह कदम भारी मन से उठा रहे हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा उन सभी पार्षदों की होगी, जिन्होंने उन्हें हटाने के पक्ष में निर्णय लिया है।
कर्मचारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो दीपावली के बाद वे सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कर लेंगे।
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