
उज्जैन: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शिप्रा तट पर लोगों और साधु संतों को संबोधित करते हुए उनसे क्षमा मांगी. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हर साल गंगा दशमी के पहले शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में ध्वज लेकर सबसे आगे चलते आए हैं. 21 साल में आज परंपरा टूट रही है क्योंकि ,उनके ऊपर काफी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें सभी जिम्मेदारियां का निर्वहन करना है. दर्शन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 21 साल पहले शिप्रा तीर्थ परिक्रमा की शुरुआत की थी. इस परिक्रमा के दौरान हर साल में ध्वज लेकर सबसे आगे चलते हुए दिखाई दिए हैं. दो दिनों तक चलने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा इस बार भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ध्वज फहराकर शुरू की.
सीएम मोहन यादव ने कहा कि हर साल में पूरे समय शिप्रा तीर्थ यात्रा में शामिल होते आए हैं लेकिन इस बार अधिक जिम्मेदारियां की वजह से वह प्रारंभिक दौर के साथ-साथ यात्रा के अंतिम पड़ाव में शामिल होंगे. उन्होंने इस दौरान मौजूद साधु संतों और तीर्थ यात्रियों से क्षमा मांगी. उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रा में उसी प्रकार की व्यवस्था रहेगी जिस प्रकार की व्यवस्था हर साल रहती है. यात्रा मार्ग पर भजन, कीर्तन, धर्म और आध्यात्मिक का हर पड़ाव रहेगा मगर वे आवश्यक कार्य से ग्वालियर जाएंगे और फिर वापस लौटकर यात्रा में शामिल होंगे.
दो दिनों तक चलने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में साधु संत ही नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में उज्जैन संभाग से आए तीर्थ यात्री भी शामिल हुए. बडनगर से आए प्रभु लाल ने बताया कि वह तीन साल से शिवरात्रि तीर्थ परिक्रमा कर रहे हैं. उनके साथ उज्जैन दक्षिण के विधायक डॉ मोहन यादव भी पूरे समय मौजूद रहते हैं. इस बार मुख्यमंत्री होने की वजह से उनकी जिम्मेदारियां अधिक होने से वे पूरे समय यात्रा में शामिल नहीं होंगे, मगर इस बार यात्रा में पिछले सालों की तुलना में बेहतर इंतजाम है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved