
नई दिल्ली । अमेरिका(America) के एक सांसद और दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों(Former top officials) ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(President Donald Trump) द्वारा उठाए कदम भारत के साथ साझेदारी को नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि अमेरिका के शीर्ष नेता के ‘अहंकार’ को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ रणनीतिक संबंध को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने कहा कि वह अमेरिका और भारत की साझेदारी को ‘नष्ट’ करने के लिए ट्रंप द्वारा किए जा रहे कार्यों से हक्के-बक्के हैं। रो खन्ना ‘यूएस-इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष भी हैं।
खन्ना ने ट्रंप पर अमेरिका-भारत गठबंधन को मजबूत करने के लिए 30 वर्षों के कार्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया, जिसमें रूस से तेल की खरीद पर 25 फीसदी सहित भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी ‘टैरिफ’ लगाना शामिल है। खन्ना ने कहा कि ट्रंप की नीतियां ‘भारत को चीन और रूस के नजदीक ले जा रही हैं’, जो अमेरिका के लिए एक रणनीतिक झटका है।
खन्ना ने कहा कि भारत पर लगाए गए ‘टैरिफ’ ब्राजील को छोड़कर किसी भी अन्य देश की तुलना में ज्यादा हैं यहां तक की रूसी ऊर्जा के सबसे बड़ा खरीदार चीन पर लगाए गए ‘टैरिफ’ से भी अधिक।
उन्होंने कहा, ‘इससे अमेरिका में भारत का चमड़ा व कपड़ा निर्यात प्रभावित हो रहा है और यह अमेरिकी निर्माताओं व भारत में हमारे निर्यात को भी नुकसान पहुंचा रहा है। यह भारत को चीन और रूस के करीब ले जा रहा है।’
खन्ना ने इस मुद्दे की मूल वजह बताते हुए कहा कि कारण ‘बहुत छोटा’ है। खन्ना ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने से इनकार कर दिया जबकि पाकिस्तान ने ऐसा किया, जिससे दोनों देशों (भारत-अमेरिका) के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए।
एक वजह यह भी
हाल ही में वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी जैफरी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘टैरिफ मुख्य रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति की व्यक्तिगत नाराजगी का नतीजा हैं कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी को खत्म करने में भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला।’ इसमें कहा गया है कि ट्रंप कथित तौर पर उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें मध्यस्थ बनने का मौका मिलेगा।
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