
डेस्क: रूस (Russia) के लोगों को अब तुर्की (Turkey) में रहना रास नहीं आ रहा है. इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि पिछले दो साल में तुर्की में रहने वालों रूसी लोगों की संख्या लगभग आधी हो गई है. जहां 2023 में 1,54,000 लोग रहते थे वो अब घटकर 2025 में करीब 85,000 रह गई है. ये जानकारी रूस समर्थक अखबार इज्वस्टिया ने अंकारा में रूसी दूतावास के हवाले से दी.
यूक्रेन पर पुतिन के हमले के बाद बहुत से रूसी तुर्की आए थे, लेकिन अब यहाँ से लोग वापस जा रहे हैं या दूसरे देशों में बस रहे हैं. कुछ लोग रूस लौट रहे हैं, जबकि कुछ सर्बिया, पुर्तगाल, स्पेन या जॉर्जिया जा रहे हैं. आखिर क्या वजह है कि रेसेप तैय्यप एर्दोआन के देश तुर्की में रूस के लोग क्यों नहीं रहना चाहते हैं?
पहली वजह है महंगाई. तुर्की में महंगाई 33% के करीब पहुँच गई है. घरों की कीमतें एक साल में 30% से ज्यादा बढ़ गई हैं. इसके साथ ही कई लोगों को निवास परमिट (रहने की इजाजत) का रिन्यूअल नहीं मिल रहा, चाहे उनके पास घर हो या वे सालों से रह रहे हों. कुछ इलाकों में विदेशियों को घर खरीदने या किराए पर लेने पर रोक है.
विदेशियों पर टैक्स बढ़ गए हैं और इमिग्रेशन नियम सख्त हो गए हैं. अगस्त 2024 से तुर्की ने पर्यटकों को अस्थाई परमिट देना बंद कर दिया. इसके अलावा, लोग सार्वजनिक सेवाओं में गिरावट, अस्पतालों में लंबा इंतज़ार, गंदगी और सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान जैसी समस्याओं से परेशान हैं.
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