
नई दिल्ली । पहलगाम(Pahalgam) में हुए आतंकवादी हमले(Terrorist attacks) के बाद भारत सरकार(Government of India) ने पाकिस्तान(Pakistan) के खिलाफ कई सख्त(many strict against) कदम उठाए हैं। उनमें पाकिस्तानी नागरिकों के भारत छोड़ने का फरमान भी शामिल है। सरकार के इस आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिक मीनल अहमद को भी भारत छोड़ने के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचने के लिए कहा गया। हालांकि, उन्हें अब हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सीआरपीएफ जवान मुनीर खान की पत्नी मीनल को सीमा से वापस बुलाने का अंतरिम आदेश दिया है। मीनल को अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान वापस भेजा जा रहा था, लेकिन आखिरी क्षणों में कोर्ट के अंतरिम आदेश के चलते उन्हें जम्मू वापस लाया गया।
जनवरी 2025 में मुनीर और मीनल की शादी के बाद मीनल पर्यटक वीजा पर भारत आई थीं। 22 मार्च को इसकी अवधि समाप्त हो गई था। केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए जाने के आदेश के तहत मीनल को देश छोड़ने का नोटिस दिया गया।
भाजपा प्रवक्ता और मीनल की ओर से पेश हुए वकील अंकुर शर्मा ने बताया कि मीनल एक भारतीय नागरिक की पत्नी होने के नाते दीर्घकालिक वीजा की पात्र हैं। उन्होंने बताया, “हमने गृह मंत्रालय की ओर से जारी स्पष्टीकरण का हवाला दिया कि पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना का आदेश राजनयिक और दीर्घकालिक वीजा धारकों पर लागू नहीं होता।”
हाईकोर्ट ने मीनल की देश निकाला प्रक्रिया को रोके बिना अंतरिम रूप से उन्हें जम्मू में रहने की अनुमति दी है। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि वीजा की वैधता पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता है। अगली सुनवाई 14 मई को होगी।
वकील अंकुर शर्मा के अनुसार, मीनल और मुनीर का ऑनलाइन तरीके से किया गया निकाह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। वीजा मीनल को मुनीर की पत्नी के रूप में दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि अब यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि मीनल को दीर्घकालिक वीजा दिया जाए या नहीं।
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