
भोपाल। प्रदेश के लिए समस्या बनते जा रहे जंगली हाथियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग उन्हें रेडियो कालर लगाने पर विचार कर रहा है। हाथी समस्या से निपटने के लिए बनाई गई विशेषज्ञों की समिति ने भी इसकी अनुशंसा की है। ज्ञात हो कि उमरिया और सीधी जिले के जंगलों में 65 हाथी सक्रिय हैं, जो रोकटोक करने पर आक्रामक हो जाते हैं। वे अब तक 11 लोगों को पैरों के नीचे कुचलकर मार चुके हैं। छत्तीसगढ़ और झारखंड के रास्ते मध्य प्रदेश में जंगली हाथी पहले भी आते रहे हैं, पर वर्ष 2008 से हाथियों ने जैसे प्रदेश को स्थाई मुकाम बना लिया है। संजय टाइगर रिजर्व सीधी और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में हाथियों के झुंड स्थाई रूप से रह रहे हैं।
केंद्र सरकार से विशेष पैकेज मांगेंगे
राज्य सरकार मध्य प्रदेश को हाथी परियोजना में शामिल कराने के प्रयासों में जुट गई है। अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश परियोजना में शामिल हो जाता है तो हाथी प्रबंधन के लिए अलग से राशि मिलेगी। जिससे व्यवस्थाएं करना आसान हो जाएगा।
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