img-fluid

क्या आप अपनी लड़कियों को इस दूषित माहौल में भेजेंगे गरबे खेलने के लिए… शायद नहीं

September 24, 2022

शैलेन्द्र कुल्मी
उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी है और यहाँ हर दूसरा व्यक्ति शिव भक्त है तथा शेष बचे श्रद्धालु देवी भक्त हैं..कल श्राद्ध पक्ष निपटने के बाद परसों से नवरात्रि शुरु हो रही है लेकिन क्या कोई देवी भक्त चाहेगा कि आराध्य देवी की उपासना की आड़ में विभत्सता का नंगा नाच हो..अपवित्रता का माहौल हो और आयोजक ही लड़कियाँ ताड़ते नजर आए..शराब की बदबू से पांडाल तथा मंच सड़ांध मार रहा हो और हाथ, कूल्हे, कमर तथा अन्य शरीर के हिस्सों को स्पर्श करने के छुपकर अवसर खोजे जा रहे हों..।
यह कोई अतिरंजित पंक्तियाँ नहीं बल्कि इस पत्रकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में अपनी आँखों से देखी गई जमीनी सच्चाई है। आज हिन्दू धर्म की आड़ में जितना अधिक व्यभिचार हो रहा है उतना किसी भी अन्य धर्म में नहीं..। शायद दूसरे धर्मों के जिम्मेदारों को भविष्य की चुनौतियाँ का आभास था और उन्होंने उस अनुसार कड़ाई से पाबंदियाँ लगाई। यही कारण है कि मस्जिद, गिरिजाघरों एवं बौद्धधर्म के आराध्य स्थलों पर छेड़छाड़ नहीं होती और कई जगह तो महिलाओं के प्रवेश पर भी प्रतिबंध है..। परमात्मा ने इंसान को सभी तरह की स्वतंत्रता दी है और यहाँ तक दे डाली कि वह चाहे तो गरबों की आड़ में लड़कियाँ छेड़ सकता है, आँखें सेक सकता है, उनके पीछे पड़कर उन्हें पटा सकता है और दूसरी ओर से यदि रजामंदी हो तो दैहिक शोषण तक कर सकता है..। 9 दिनों की देवी की आराधना के बाद हाथ में क्या लगेगा..जिस आदीशक्ति ने अपने बच्चों की रक्षा के लिए 1 हजार से अधिक अवतार लिये हों उनकी उपासना पर गरबों के आयोजन शर्मिंदगी पैदा कर रहे हैं। उच्च प्रतिमानों वालों व्यक्ति आज सोच रहे हैं कि यह कैसा धर्म है और दूसरे धर्म के लोग बैठकर चर्चा कर रहे हैं कि क्या हिन्दू धर्म के महागुरुओं और जिम्मेदारों को यह सब दिखाई नहीं देता..क्या अखबारों की और सोशल मीडिया की इन रिपोर्टों से हजारों सिर्फ शर्म से ऊँचा हो रहा है कि नवरात्रि के गरबा आयोजन के बाद गुजरात जैसे प्रदेश में गर्भपात (आबर्शन) कराने में वृद्धि होती है..आयोजक ही शराब पीते हैं और उज्जैन जैसे शहर में कुछ आयोजक तो आँखें सेकने के लिए गरबा करवा रहे हैं। श्राद्ध पक्ष में ठुमके लगाती लड़कियाँ फिल्मी गानों पर श्राद्ध पक्ष में प्रेक्टिस करती नजर आई..हम तो यही कहेंगे कि बड़े हिम्मत वाले हैं इन लड़कियो के माता-पिता फिर कल से घर में रोना मत कि हमारी बच्ची के साथ क्या हो गया हमने तो माता की भक्ति के लिए उसे भेजा था..गरबों में जाने के लिए क्या देवी माँ ने सपना दिया था..।



मुझे अच्छी तरह याद है कि कक्षा 10वीं में एक अश्लील पुस्तक पढऩे की बात जब परिजनों को पता चली तो उसका नतीजा पिटाई के रूप में मिला था। आज हमने मोबाइल के रूप में नग्न फिल्मों का जखीरा बच्चों के हाथों में दे रखा है और 24 घंटे जिसे लिए वे घूमते हैं..तो फिर ऐसे माहौल में देवी को खुश करने के गरबा पांडाल पवित्र तो नहीं रह सकेंगे और न ही दुर्गा या जगदम्बा माहौल के अनुसार अपवित्रता या दुष्कर्म को पसंद करने लगी हैं..आदी अनादि काल से देवी शुद्ध आचरण के भक्तों को ही आशीर्वादित करती रही हैं..ऐसा तो नहीं कि हम यह अपवित्रता करके देवीय कोप का भाजन बन रहे हैं और उसके परिणाम हमें आगे भुगतना पड़ेंगे। शायद देश में बेकारी, गरीबी, हाहाकार, विचलन एवं अन्य समस्याएँ इसीलिए हैं कि देवी प्रसन्न नहीं हैं, क्योंकि उसको प्रसन्न करने के जो भी उपाय हैं उन पर हम कालीख पोत रहे हैं..समझदार माता-पिता शायद अपनी कुंवारी लड़कियों को इन गंदे गरबा पांडालों से दूर रखेंगे…। एक विश्वसनीय जानकारी है कि मोबाइल पर सेक्स रेकेट चलाने वाले गिरोह की कालगर्ल भी सुंदर पाश्चात्य ड्रेसों में इन गरबा पांडालों में पहुँचती हैं और आसानी से 9 दिनों तक यह दुकान संचालित होती रहती है, क्योंकि छिपकली महात्मा गाँधी के फोटो के पीछे से निकलती है और शिकार करने के बाद फिर छिप जाती है..गरबा के आयोजन भी अपवित्रता और दुष्कर्मी आचरण पर धर्म का सबसे अच्छा और सुविधाजनक आवरण है..।

Share:

  • देर रात पाटपाला के समीप मजदूरों से भरी पिकअप पलटी

    Sat Sep 24 , 2022
    16 लोग सवार थे-चार घायल हुए-एक बच्ची को ज्यादा चोट आई उज्जैन। देर रात रतलाम से काम करने आए मजदूरों से भरी पिकअप मक्सीरोड पर ग्राम पाटपाला के समीप पलटी खा गई। दुर्घटना में उसमें चार लोग घायल हो गए जिसमें बच्ची को ज्यादा चोट आई है। संतुलन बिगडऩे से यह हादसा हुआ है। घायलों […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved