
जबलपुर। द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज जबलपुर प्रवास के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में चुनाव परिणाम जनता की इच्छा का सर्वोच्च प्रमाण होते हैं। उन्होंने कहा कि जीत और हार राजनीति का स्वाभाविक हिस्सा हैं, लेकिन जीतने वालों की जि़म्मेदारी कहीं अधिक बड़ी होती है, उन्हें राष्ट्र, समाज और संस्कृति की सेवा का संकल्प निभाना चाहिए।
शंकराचार्य ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा, चुनाव में दो ही बातें होती हैं-हार या जीत। लेकिन जीतने वालों का पहला कर्तव्य है कि वे देश की सेवा करें। जनता जिनको चुनकर भेजती है, उनका दायित्व है कि वे राष्ट्र और समाज के हित में काम करें। उन्होंने कहा कि यह चुनाव का फल है और हर फल की जिम्मेदारी होती है। परिणाम यही बताता है कि जनता किसे सेवा का अवसर देना चाहती है। अब चुने गए नेताओं का काम है कि वे धर्म, संस्कृति, भारतीय परंपरा और संस्कारों की रक्षा करते हुए राष्ट्र की सेवा करें।
माहौल में गूंजा संत का संदेश
शंकराचार्य के इस बयान ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोगों में सकारात्मक चर्चा पैदा की। राजनीतिक हलकों में भी इसे एक संतुलित और राष्ट्रहित केंद्रित संदेश माना जा रहा है। उन्होंने नेताओं को सत्ता नहीं, सेवा की ओर उन्मुख होने का आग्रह किया।
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