
उज्जैन। शहर का तापमान जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे शीतलता के लिए उपकरणों का भरपूर उपयोग भी हो रहा है। दस दिनों में बिजली की खपत में सवा 3 लाख यूनिट का इजाफा हुआ है। अब उज्जैन के लोग एक ही दिन में सवा 9 लाख यूनिट तक बिजली खपा रहे हैं। अप्रैल की शुरुआत से ही सूरज आग उगल रहा है। गर्मी से परेशान लोग राहत पाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सहारा ले रहे हैं। राज्य के शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिजली मांग इंदौर से है। यह मांग वर्तमान में पांच सौ 25 मेगावाट है। मांग के मुताबिक ही आपूर्ति हो रही है। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि 29 मार्च को आपूर्ति 99 लाख यूनिट थी, जो अब बढ़कर एक करोड़ 10 लाख यूनिट तक हो गई है।
इस तरह दस दिनों में 11 लाख यूनिट की आपूर्ति दैनिक बढ़ी है। शहर में बिजली की ताजा मांग पांच सौ 25 मेगावाट रही। कार्यपालक निदेशक आपूर्ति गजरा मेहता ने बताया कि मांग में सतत ही बढ़ोतरी हो रही है। यह अप्रैल अंत तक लगभग 600 मेगावाट होने की संभावना है। इंदौर के साथ ही कंपनी क्षेत्र के बड़े शहरों में उज्जैन, देवास, रतलाम में बिजली की मांग में पहले से बीस से तीस मेगावाट का अंतर आया है। इसी के मद्देनजर उज्जैन जिले में दैनिक आपूर्ति 21 लाख यूनिट, रतलाम शहर में साढ़े सात लाख यूनिट और देवास में साढ़े छ: लाख यूनिट की आपूर्ति हो रही है। विद्युत वितरण कंपनी के शहर अधीक्षण यंत्री राजीव पटेल ने बताया कि 10 दिन पहले तक उज्जैन शहर में रोजाना 6 से सवा 6 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही थी परंतु अब यह बढ़कर सवा 9 लाख यूनिट प्रतिदिन पहुँच गई है।
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