
नई दिल्ली । 14 मई को कारगिल (Kargil) के हुंडरमान गांव (Hunderman Village) से नियंत्रण रेखा पार कर नागपुर (Nagpur) की 43 वर्षीय महिला सुनीता जांगड़े (Sunita Jangde) पाकिस्तान (Pakistan) चली गई थी। सोमवार को पाकिस्तानी रेंजर्स (Pakistani Rangers) ने उसे अमृतसर के अटारी-बॉर्डर पर बीएसएफ के हवाले कर दिया। बीएसएफ ने सुनीता को सुरक्षित भारतीय सीमा में प्रवेश करवाया। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। पता चला है कि सुनीता पाकिस्तान में रहने वाले एक पादरी से सोशल मीडिया के जरिए कई महीनों से संपर्क में थी और उससे प्रेम प्रसंग के चलते मिलने गई थी। फिलहाल एजेंसियां सुनीता के फोन कॉल, मैसेज और अन्य जानकारियों की जांच कर रही हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि वह किन लोगों के संपर्क में थी और पाकिस्तान क्यों गई थी?
सुनीता जांगड़े को लेने के लिए नागपुर पुलिस की एक टीम अमृतसर रवाना हो चुकी है। नागपुर में पहले से दर्ज गुमशुदगी के केस में अब और भी धाराएं जोड़ी जाएंगी। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने पहले ही एफआईआर दर्ज कर रखी है। वहीं, उसके बेटे को भी कारगिल से नागपुर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सुनीता सोशल मीडिया पर कुछ महीने पहले पाकिस्तान के एक पादरी के संपर्क में आई और उससे प्यार कर बैठी। इससे पहले भी वह दो बार वह पाकिस्तान जाने के लिए अटारी बॉर्डर भी पहुंची, लेकिन यहां से बीएसएफ ने उसे वापस भेज दिया था। जब कोई हल न निकला तो वह 15 दिन पहले अपने 14 साल के बच्चे के साथ लद्दाख घूमने चली गई। वहीं से 14 मई को बेटे को होटल में छोड़कर खुद कारगिल के हुंदरमन गांव से नियंत्रण रेखा पार कर गई। इससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया था।
परिवार ने मानसिक रूप से परेशान बताया
सुनीता जांगड़े पाकिस्तान की सीमा में भले पहुंच गई, लेकिन यहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे गिरफ्तार कर लिया। कारगिल पुलिस ने उसके बेटे को स्थानीय चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया था। वहीं, सुनीता के परिवार का कहना है कि वह काफी समय से मानसिक तनाव में थी। इसी के चलते उसने यह कदम उठाया है। नागपुर के अस्पताल में उसका इलाज भी चल रहा है। फिलहाल भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। कारगिल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह एलओसी पार करना बहुत बड़ी बात है। यह सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना है।
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