
कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर पानी फेरा…
इन्दौर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल (Ajay Jamwal) ने कल इंदौर (Indore) की एक नंबर विधानसभा से वन-टू-वन परिचय की प्रक्रिया शुरू की और कार्यकर्ताओं से केवल नाम, पद और उनकी राजनीतिक अवधि के बारे में ही जानकारी ली। इस दौरान निगम-मंडल-प्राधिकरण में दावेदारी रखने वाले कई कार्यकर्ता अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव बताने को उत्सुक दिखे, लेकिन जामवाल ने उन्हें मौका नहीं दिया और चर्चा को सीमित दायरे में ही रखा। नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने बताया कि यह संवाद विधानसभा 1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 सहित राऊ, निपानिया सांवेर और सरदार पटेल मंडल देपालपुर के कार्यकर्ताओं के साथ हुआ। दिनभर चली इस मुलाकात में यह बात खुलकर सामने आई कि अपने बायोडाटा के साथ आए कार्यकर्ताओं की प्राथमिकता लाभ के पद की मांग थी, लेकिन संगठन मंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। चर्चा के दौरान मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, मधु वर्मा, कृष्णमुरारी मोधे, आकाश विजयवर्गीय, जयपालसिंह चावड़ा, निशांत खरे, प्रताप करोसिया, दीपक जैन टीनू, आलोक दुबे, सुदर्शन गुप्ता, गोपीकृष्ण नेमा एवं अंजू मखीजा मौजूद रहे।
कार्यकर्ताओं के बीच दिखाई दी निराशा
क्षेत्रीय संगठन मंत्री के शहर में वन-टू-वन चर्चा को लेकर लंबे समय से भाजपा का कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं के बीच इस बात को लेकर थोड़ी निराशा भी देखी गई कि जामवाल ने किसी को भी ज्यादा समय नहीं दिया। फोटो खिंचवाने की कोशिशों को भी उन्होंने सिरे से नकार दिया। संगठन मंत्री की सख्ती देख कुछ कार्यकर्ता तो इतने नाराज दिखाई दिए कि बिना अपनी बात रखे ही बाहर लौट आए।
जय श्रीराम किया और बाहर का रास्ता दिखाया
जामवाल से मिलने पहुंचे एक कार्यकर्ता ने दबी जुबान में कहा कि इतने बड़े पदाधिकारी से वन-टू-वन मिलने का मौका मिला था, लेकिन कमरे में घुसते ही उन्होंने जय श्रीराम कहते हुए सिर्फ नाम पूछा और कहा कि भाजपा के लिए लोगों के बीच बने रहना है तुम्हें। इतना कहते ही उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब समझ नहीं आया कि इस बैठक का उद्देश्य क्या था।
बातचीत कर रहे कार्यकर्ताओं को जीतू जिराती ने पढ़ाया अनुशासन का पाठ
क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल से मिलने के लिए जब भाजपा कार्यकर्ता कार्यालय पहुंचे तो वहां सभी विधानसभाओं के कार्यकर्ता एकत्र हो गए थे। जहां बैठक चल रही थी ठीक उसके बाहर कुछ कार्यकर्ता जोर-जोर से आपस में संवाद करने लगे। यह देख प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने मोर्चा संभाला और शोर मचा रहे कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की सीख दे डाली।
जामवाल से नहीं मिल पाए विजयवर्गीय
सभी विधानसभाओं के विधायकों को अपने कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रीय संगठन मंत्री से संवाद स्थापित करना था, मगर उल्लेखनीय है कि एक नंबर विधानसभा के विधायक कैलाश विजयवर्गीय इस परिचय बैठक में मौजूद नहीं थे, क्योंकि वह भोपाल में विधानसभा सत्र की तैयारी को लेकर होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मौजूद थे।
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