
लिवरपूल. भारतीय मुक्केबाज (Indian boxers) जैस्मिन लेंबोरिया (Jasmine Lamboria) (57 किग्रा) और मीनाक्षी हुड्डा (Meenakshi Hooda) (48 किग्रा) ने इतिहास रचते हुए विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप (World Boxing Championship) में स्वर्ण पदक जीत लिया. शनिवार देर रात हुए फाइनल में जैस्मिन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता पोलैंड की जूलिया जेरेमेटा को 4-1 के अंतर से हराया (30-27, 29-28, 30-27, 28-29, 29-28). पूरी प्रतियोगिता में उन्होंने आक्रामक और संतुलित खेल दिखाते हुए खुद को अपराजेय साबित किया.
इसके अगले दिन रविवार को मीनाक्षी ने भी अपनी प्रतिद्वंद्वी, पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान की नाजिम काइजेबे को हराकर भारत को दूसरा स्वर्ण दिलाया. उन्होंने भी 4-1 के समान अंतर से जीत दर्ज की.
इस ऐतिहासिक जीत के साथ जैस्मिन और मीनाक्षी उन भारतीय मुक्केबाजों की सूची में शामिल हो गईं, जिन्होंने विश्व चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया है. इस सूची में पहले से ही एमसी मैरीकॉम, निकहत जरीन, सरिता देवी, जेनी आरएल, लेखा केसी, नीतू गंघास, लवलीना बोरगोहेन और स्वीटी बूरा जैसे दिग्गज शामिल हैं.
हालांकि, भारत को गैर-ओलंपिक भारवर्ग में थोड़ी निराशा भी झेलनी पड़ी. नूपुर शेरोन (80+ किग्रा) को पोलैंड की अगाता काज्मार्स्का से करीबी मुकाबले में 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा. वहीं, पूजा रानी (80 किग्रा) को सेमीफाइनल में ब्रिटेन की एमिली एस्क्विथ से हार झेलनी पड़ी और उन्हें कांस्य पदक मिला.
जैस्मिन की ऐतिहासिक जीत
तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप में खेल रहीं 24 वर्षीय जैस्मिन ने पहले राउंड में थोड़ी धीमी शुरुआत की, लेकिन जल्द ही अपनी लय में लौट आईं. दूसरे और तीसरे राउंड में उन्होंने बेहतरीन संयोजन और आक्रामकता दिखाई. जीत के बाद उनकी आंखें गर्व से चमक उठीं जब पूरे स्टेडियम में भारतीय राष्ट्रगान गूंजा.
मीनाक्षी की दमदार चुनौती
मीनाक्षी ने भी अपने तेज और सटीक पंचों से विपक्षी पर दबाव बनाए रखा. निर्णायक पलों में उन्होंने बेहतरीन रक्षात्मक और आक्रामक संतुलन दिखाया और भारत को लगातार दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया.
इस प्रकार, भारत ने इस विश्व चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किए और महिला मुक्केबाजी में अपनी ताकत को फिर साबित कर दिया.
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