
सिंधियाजी ने दिग्गी राजा को एक कार्यक्रम में मंच पर क्या बिठाया… राजा ने कमलनाथ को ठिकाने लगाया… और सिंधियाजी की बगावत को जायज ठहराया…राजनीति के चाणक्य दिग्गी राजा ने मध्यप्रदेश में सिंधियाजी द्वारा सरकार गिराने की परिस्थितियों का ठीकरा पूर्व मंत्री कमलनाथ पर फोड़ते हुए कहा कि यदि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बारे मेें कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांग मान लेते तो सरकार नहीं गिरती, जबकि हकीकत यह थी कि राजा के बढ़ते प्रभाव ने सिंधियाजी को उठने नहीं दिया और बिगड़ते हालातों में राजा कमलनाथ को इस बात का भरोसा दिलाते रहे कि सरकार उनकी मुट्ठी में हैं… वैसे भी सिंधियाजी की नाराजगी कमलनाथजी से ज्यादा दिग्गी राजा को लेकर रही थी… सिंधियाजी, कमलनाथजी के दो-दो पदों पर कब्जे को लेकर जहां नाराज थे, वहीं दिग्गी राजा के राज्यसभा सीट पर लगातार दावेदारी से खफा थे… सिंधियाजी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से प्रदेश अध्यक्ष पद छोडऩे और संगठन की कमान सौंपने की शर्त रखी थी या फिर राज्यसभा के जरिए संसद भेजे जाने की मांग की थी… सिंधिया की ताकत को नजर अंदाज करते हुए जहां कमलनाथ संगठन भी नहीं छोडऩा चाहते थे, वहीं दिग्गी राजा सिंधियाजी को तीसरी सीट से लड़ाना चाहते थे, जहां जीत की कोई उम्मीद की कोई उम्मीद नहीं थी… दोनों नेताओं की हठधर्मिता और अहंकार के चलते जब सिंधिया को अपना अस्तित्व खतरे में नजर आया तो उन्होंने भाजपा की तरफ हाथ बढ़ाया… दिग्गी राजा भले ही कमलनाथ पर ठीकरा फोड़ते हुए ग्वालियर-चंबल क्षेत्र को सिंधियाजी की नाराजगी का कारण बताए, लेकिन हकीकत में जहां वे दोनों सरकार गिराने का कारण थे, वहीं सबसे बड़ा कारण कांग्रेस मुखिया राहुल गांधी रहे… जिन्होंने सिंधिया के वजूद को समझने और समय पर जख्मों को भरने में लेतलाली की… कांग्रेस के सर्वनाश की वजह बने राहुल गांधी के अहंकार का विकार जहां आज पूरी पार्टी की फजीहत का कारण बन रहा है, वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरने का कारण भी बना… राहुल गांधी की ना समझी के चलते प्रदेश में भविष्य की संभावनाएं भी चौपट हो गई… वो तो खैर रही कि राजस्थान में इसी तरह पायलट की अनदेखी से उपजी नाराजगी विद्रोह नहीं बन पाई, वरना कमलनाथ की तरह गेहलोत भी सडक़ पर आ जाते… हालांकि यह नाराजगी और विद्रोह अगले चुनाव में नजर आया और राजस्थान में कांग्रेस दफन हो गई… अभी भी लकड़ी टेकते नेता पार्टी की हकीकत समझने को तैयार नहीं हैं… युवाओं के उबाल से डरती कांग्रेसी बूढ़ों की फौज राहुल गांधी की चापलूसी कर डुबी हुई नाव की लकडिय़ां नौंचकर अपनी बुढ़ापे की लाठी बनाने में लगे हुए हैं… ऐसे में एक कार्यक्रम में सिंधियाजी का मंच से नीचे आना और दिग्गी राजा को मंच पर लाकर सम्मान बढ़ाना उसी लाठी का सहारा बन गया… जिसके बूते पर राजा ने सरकार गिराने का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया….
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