
नई दिल्ली । भाजपा(BJP) के लिए मार्च का महीना बेहद महत्वपूर्ण है। संगठन(Organization) से लेकर सरकार स्तर पर बड़े बदलाव(Big changes at the government level) की तैयारी है। संगठन और सरकार(Organization and government) दोनों में चेहरे बदलेंगे। बिहार के बाद अब यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी है। प्रदेश में यह बदलाव होली के बाद होगा। टीम योगी में छह से सात नये सदस्य शामिल हो सकते हैं।
मंत्रिमंडल में विस्तार से पहले प्रदेश के तमाम जिलों को नये जिलाध्यक्ष मिल जाएंगे। इनमें से एक कार्यकाल वाले कुछ चेहरे रिपीट भी होंगे। फिर जल्द नया प्रदेश अध्यक्ष भी पार्टी को मिल जाएगा। संगठन और सरकार में होने वाले बदलावों को भी मिशन-2027 को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। पार्टी का फोकस जातीय और क्षेत्रीय गुणा-गणित साधने पर है। वहीं भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें एकाध मंत्री को महंगी पड़ सकती हैं।
प्रदेश में होली के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होना है। जहां तक मंत्रिमंडल विस्तार का सवाल है तो भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का फिर सरकार में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। मंत्रिमंडल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। इसके पीछे तर्क यह है कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं। पार्टी का फोकस क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने पर है।
इसके अलावा संगठन से दो चेहरों को सरकार में भेजा जा सकता है। वहीं किसी ऐसे चेहरे को भी मंत्री बनाया जा सकता है, जो अभी किसी सदन का सदस्य न हो। माना जा रहा है कि ऐसे व्यक्ति को जितिन प्रसाद के सांसद बनने के बाद से रिक्त चल रही विधान परिषद सीट पर सदन में भेजा जा सकता है।
रालोद कोटे से आ सकता है जाट चेहरा
संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल में रालोद की हिस्सेदारी बढ़ सकती है। उसे एक मंत्री पद और दिया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि जयंत चौधरी किसी जाट चेहरे को यह जिम्मेदारी दे सकते हैं। इसमें जो दो नाम फिलहाल चर्चा में बताए जा रहे हैं, उनमें शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी और सादाबाद के विधायक गुड्डू चौधरी का नाम शामिल है। वहीं गुर्जर कोटे में भाजपा के नकुड़ से विधायक मुकेश चौधरी की लॉटरी खुल सकती है।
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