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वास्तु शास्त्र और ज्योतिषाचार्य में भी आप बना सकते हैं करियर, जानें कैसे

August 08, 2022


नई दिल्लीः वास्तु शास्त्र में करियर भी आजकल बेहतर ऑप्शन माना जा रहा है. देखा जाए तो घर में वास्तु शास्त्र होना बेहद ज़रूरी है. जिसके लिए खासतौर पर इंटीरियर डिजाइनर भी अपने क्षेत्र के साथ वास्तु शास्त्र सीखने पर भी ध्यान दे रहे हैं. इस क्षेत्र में आये दिन कई विकल्प उभर रहे हैं. जिसको देखते हुए युवाओं की भागीदारी इसमें ज़्यादा देखी जा रही है. चाहे घर-परिवार हो, पढ़ाई हो या फिर बिजनेस, हर चीज़ में सकारात्मक ऊर्जा या फिर कुछ अच्छा पाने के लिए लोग इन दिनों वास्तु का इस्तेमाल करते हैं. कई लोग अपना घर, ऑफिस या फिर मॉल बनवाते समय भी इंटीरियर डिजाइनर से सलाह-मशविरा भी लेते हैं. इसके अलावा वास्तु शास्त्री की राय लेना भी वो काफी ज़रूरी समझते हैं.

क्या होता है वास्तु शास्त्र : वास्तु शास्त्र एक्सपर्ट्स का कहना यह है कि वास्तु शास्त्र एक तरह से एन्वायरमेंटल साइंस है. जो सकारात्मकता फैलाने में मदद करता है. इसके तहत उम्मीदवार को ग्रैविटी फोर्स, कॉस्मिक एनर्जी जैसे विषय भी पढ़ाए और अच्छी तरह समझाए जाते हैं. अगर उम्मीदवारों का बैकग्राउंड विज्ञान से ही है तो बहुत अच्छा है. इसकी मदद से वह वास्तु शास्त्र की बारीकियों को हर तरह से समझ सकते हैं. इस कोर्स के ज़रिये स्टूडेंट्स को मुख्य रूप से तीन तरह का वास्तु सिखाया जाता है. जिसमे डोमेसिटक वास्तु, कमर्शियल वास्तु और इंडस्ट्रीयल वास्तु शामिल है.

पाठ्यक्रम की विधि : बता दें, वास्तु शास्त्र में फिलहाल के लिए सर्टिफिकेट कोर्स ही कराया जाता है. जिसकी समय सीमा 3 से 4 महीने से लेकर 1 साल तक की होती है. इसमें हॉबी कोर्स भी कराया जाता है. वहीं रेगुलर कोर्स के अलावा इस क्षेत्र को समझने के लिए पत्राचार कोर्स भी कर सकते हैं.


योग्यता : यह कोर्स करने के लिए स्टूडेंट का 12वीं पास होना जरूरी है. अगर स्टूडेंट के पास 12वीं में साइंस न हो तो, 10वीं तक विज्ञान की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स भी वास्तु शास्त्र आसानी से सीख सकते हैं. यहां तक की यह कोर्स कई घरेलू महिलाएं भी शौकिया तौर पर करती हैं. लेकिन आर्किटेक्ट, इंटीरियर डिजाइनर, बिल्डर और सिविल इंजीनियर इस कोर्स को करके योग्यता को एक नया आकार देते हैं. सबसे ज़रूरी बात वास्तु शास्त्र सीखने वाले इंसान के मन में इच्छा शक्ति होनी बेहद ज़रूरी है.

संभावनाएं : वास्तु शास्त्र विधा को अच्छी तरह सीखने के बाद कोई भी कैंडिडेट बतौर कन्सलटेंट अपने घर से भी काम शुरू कर सकता है. वहीं अनुभव के अनुसार कई अच्छे और बड़े इंडस्ट्रीयल और कमर्शियल क्लाइंट भी उनसे जुड़ सकते हैं. इसके अलावा आप वास्तु शास्त्र टीचर के तौर पर किसी इंस्टीट्यूट में पढ़ा भी सकते हैं.

कोर्स करने के लिए ये हैं संस्थान

  • फ्यूचर प्वॉइंट, ओखला, नई दिल्ली
  • इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक वास्तु विजन, पंजाबी बाग, नई दिल्ली

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