
अलीगढ़: अलीगढ़ (Aligarh) में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी ऋण योजना (Mukhyamantri Yuva Udyam Loan Yojana) की सच्चाई चौंकाने वाली है. सरकार (Goverment) की गाइडलाइन में कहीं भी उल्लेख न होने के बावजूद बैंक (Bank) आवेदनों (Applications) को अजीबो-गरीब कारणों से खारिज कर रहे हैं. हाल ही में एक युवती का आवेदन सिर्फ इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि वह कुंवारी है. योजना का मकसद युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, लेकिन बैंकों की मनमानी से लाभार्थी हतोत्साहित हो रहे हैं.
अलीगढ़ के संयुक्त आयुक्त उद्योग ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना की पिछले सप्ताह प्रदेश स्तर पर समीक्षा हुई थी. हमने जनपद के लक्ष्य के सापेक्ष 3500 से अधिक आवेदन पत्र भेजे हैं और लगभग 900 आवेदन पत्रों पर ऋण मुक्ति की कार्यवाही भी हुई है. लेकिन अलीगढ़ में रिजेक्शन का रेशियो बहुत ज्यादा है और हम लोग रिजेक्शन के रेशियो में प्रदेश में चौथे नंबर पर हैं. इस पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने नाराजगी जताई थी और मंडलायुक्त महोदय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार हमने लगभग 1500 निरस्त आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी की. जब हमने लाभार्थियों को फोन किया तो पाया कि बैंकों ने जो कारण बताए थे और वास्तविक कारणों में बहुत अंतर था.
संयुक्त आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रामीण बैंक आर्यावत की औरंगाबाद ब्रांच में एक आवेदक गीता यादव का आवेदन पत्र भेजा गया था, जिन्होंने हार्डवेयर के काम के लिए ₹5 लाख का लोन मांगा था. बैंक ने लिखा कि योजना की गाइडलाइंस को पूरा नहीं करते. जब हमने लाभार्थी को फोन किया तो पता चला कि बैंक मैनेजर ने कहा कि आप अविवाहित हैं, जब आपका विवाह हो जाएगा तो आप बाहर चली जाएंगी और हमारे ऋण की वसूली नहीं हो पाएगी. इसलिए हम आपको कुंवारी होने के कारण ऋण नहीं दे सकते, जबकि योजना की गाइडलाइंस में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है.
उन्होंने कहा कि कई मामलों में हमने देखा कि वास्तविक कारण अलग थे और कई आवेदन पत्र गलत कारणों से निरस्त कर दिए गए थे. इसके बाद जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में बैठक कराई गई और निर्णय लिया गया कि गलत तथ्यों को पूरा करके उन्हें वापस बैंकों को भेजा जाए. जिन आधार पर आवेदन पत्र निरस्त हुए हैं, उनकी फिर से स्क्रूटनी करके उन्हें भेजा जा रहा है ताकि वास्तविक आवेदकों को योजना का लाभ मिल सके.
बैंकिंग की बाकी कार्यवाही के बारे में तीन दिन पहले हुई बैठक में निर्णय लिया गया और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, एसएलवीसी, बैंक की स्टेट लेवल बैंकर्स समिति, संस्थागत वित्त, बैंक के प्रबंध निदेशक को जिलाधिकारी महोदय की ओर से पत्र भेजा गया है. उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए संस्थागत वित्त और एसएलवीसी ने यहां के लीड बैंक मैनेजर को भी एक पत्र जारी किया है कि जिन बैंकों द्वारा इस तरह की कार्रवाई की जा रही है, उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित करके शासन को प्रेषित किया जाए.
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