
नई दिल्ली। देश भर के तमाम हवाई अड्डों (Airports) पर यात्रियों को अक्सर गंदे-बदबूदार शौचालयों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा यात्रा के बाद अपने सामान वापस लेने में भी लंबे समय तक जद्दोजहद करनी पड़ती है। चेक-इन, सुरक्षा और इमिग्रेशन (Security and Immigration) के दौरान भी यात्रियों को काफी देर तक लंबी कतारों से होकर गुजरना पड़ता है। ये सब कुछ ऐसी दिक्कतें है, जो यात्रियों को परेशान करती रही हैं लेकिन एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (Airports Economic Regulatory Authority-AERA) ने अब सभी एयरपोर्ट्स पर इस तरह की बदइंतजामी पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। AERA के एक प्रस्ताव के मुताबिक, हवाई अड्डों को जल्द ही इन खामियों की भरपाई कम उपयोगकर्ता विकास शुल्क से करना पड़ सकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी ने सभी प्रमुख हवाई अड्डों के लिए एक समान प्रदर्शन मानक बनाने और इसे टैरिफ संरचनाओं से जोड़ने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, सुझाए गए मानकों से बेहतर प्रदर्शन करने पर हवाई अड्डों को इनाम भी दिए जाएँगे और मानकों का पालन न करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि मानकों का अनुपालन सही ढंग से हो रहा है या नहीं, इसका तीसरे पक्ष द्वारा ऑडिट कराया जाएगा।
हरेक टच प्वाइंट पर प्रतीक्षा समय पर नजर
रिपोर्ट के मुताबिक, AERA की प्रस्तावित योजना में हरेक टचपॉइंट पर यात्रियों के लिए अधिकतम प्रतीक्षा समय को भी शामिल किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि हवाई अड्डा सेवाओं की विशेषता एकाधिकार या सीमित प्रतिस्पर्धा किस्म की है, जहाँ यात्रियों के पास विकल्प सीमित होते हैं। ऐसे माहौल में, नियामक की भूमिका टैरिफ निर्धारण से आगे बढ़कर यह सुनिश्चित करने तक पहुँच जाती है कि यात्रियों को दी जाने वाली सेवाएँ कुशलतापूर्वक, पारदर्शी रूप से और ऐसे मानक पर उपलब्ध हों जो परिचालन और उपयोगकर्ता दोनों की अपेक्षाओं को पूरा करे।
हवाई अड्डों को अलग-अलग श्रेणी में बांटने की भी योजना
प्रस्तावित मानकों में सभी हवाई अड्डों पर स्वच्छता, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और इमिग्रेशन ई-गेट जैसी तकनीकों के उपयोग का भी आकलन किया जाएगा। AERA ने कहा, “ये मानक यात्रियों के हितों की रक्षा करने, जवाबदेही बढ़ाने और हवाई अड्डे के संचालन में निरंतर सुधार को बढ़ावा देने में सहायक होंगे।” बुनियादी ढाँचे और परिचालन संबंधी जटिलता में अंतर का हवाला देते हुए AERA ने 60 लाख से अधिक यात्रियों को संभालने वाले हवाई अड्डों को अलग-अलग कैटगराइज्ड करने की भी योजना बनाई है।
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