
डेस्क: तुर्किए (Turkey) एक नए संकट (New Crisis) से जूझ रहा है. ये कोई आर्थिक या राजनीतिक संकट नहीं बल्कि ये संकट जनसंख्या (Population) से जुड़ा है. तुर्किए जनसंख्या लगातार घट रही है और तुर्किए की महिलाओं (Womes) का कम बच्चे (Children) पैदा करने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के लिए चिंता का सबब बन गया है. गिरती जन्म दर को ‘जंग से भी बड़ा खतरा’ माना जा रहा है, और इससे निपटने के लिए अब तुर्किए सरकार कई कदम उठा रही है. बच्चों को जन्म देने के लिए नीतियों बनाई गई हैं और 2025 को तुर्किए का ‘परिवार का वर्ष’ घोषित किया है.
एर्दोगन ने पिछले महीने ऐलान किया था कि 2026 ‘परिवार के दशक’ की शुरुआत होगी. लेकिन महिलाओं से कम से कम तीन बच्चे पैदा करने की उनकी अपील और नवविवाहितों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश शायद पर्याप्त न हो, क्योंकि तुर्किए गहराते आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि तुर्किए की जन्म दर 2001 में प्रति महिला 2.38 बच्चों से गिरकर 2025 में 1.48 हो गई है, जो फ्रांस, ब्रिटेन या अमेरिका से भी कम है, जिसे 71 साल के इस्लामिस्ट और चार बच्चों के पिता एर्दोगन ने ‘एक आपदा’ माना है. उन्होंने अपने 22 साल के कार्यकाल के दौरान पहले प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति के रूप में 85 मिलियन की आबादी वाले इस देश में प्रजनन दर में तेजी से गिरावट देखी है. इसके एर्दोगन ने महिलाओं और LGBTQ लोगों दोनों को दोषी ठहराया है.
नारीवादी कार्यकर्ता बेरिन सोनमेज़ ने कहा, “महिलाओं और LGBTQ+ व्यक्तियों को घटती जनसंख्या वृद्धि दर के लिए एकमात्र दोषी माना जाता है, जबकि राजनीतिक गलतियों को स्वीकार नहीं किया जाता है.” उन्होंने कहा कि इस अराजक और अनिश्चित माहौल में लोग बच्चे पैदा करने में हिचकिचा सकते हैं. इसके अलावा, बच्चों के लिए सहायता लगभग न के बराबर है और शिक्षा सबसे महंगा क्षेत्र बन गया है.
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