इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इन दिनों ‘फेक वेडिंग’ (fake marriage) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसा संगठित सामाजिक कार्यक्रम है जो लोगों को शादी से जुड़ी आजीवन प्रतिबद्धता या पारिवारिक दबावों के बिना शानदार जश्न मनाने और सामाजिक मेलजोल का मौका देता है। पहली नजर में, शादी का मंच आम पाकिस्तानी मेहंदी जैसा दिखता है। गेंदे के फूलों से सजा, दूल्हा-दुल्हन के बैठने की जगह चमकीले पीले रंगों से सजी हुई दिखती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूल्हा एक महिला होती है। यह समलैंगिक विवाह नहीं, बल्कि एक फेक वेडिंग है, जो युवाओं को सामाजिक दबाव से मुक्त होकर एक शानदार रात का आनंद लेने का अवसर देती है। 2023 से यह चलन जोर पकड़ रहा है।
लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (LUMS) द्वारा 2023 में आयोजित एक फेक वेडिंग को राष्ट्रीय और वैश्विक मीडिया पर काफी ध्यान मिलने के बाद इस तरह के आयोजनों की लोकप्रियता बढ़ गई थी। हालांकि इस ट्रेंड की लोकप्रियता युवाओं और प्रभावशाली लोगों के बीच बढ़ी, लेकिन मीडिया कवरेज के कारण इसे ऑनलाइन काफी आलोचना और विरोध का सामना भी करना पड़ा।
LUMS छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष सैराम एच. मिरान ने डॉयचे वेले को बताया कि घटना के फुटेज वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों को ऑनलाइन ट्रोल झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि मीडिया और लोग अक्सर LUMS को एक अभिजात्य विश्वविद्यालय के रूप में देखते हैं, जो वास्तविकता से कटा हुआ है जिसके कारण नकारात्मक खबरें अधिक ध्यान आकर्षित करती हैं। विश्वविद्यालय छात्रों के लिए साप्ताहिक सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करता है और माना जाता था कि फेक वेडिंग समारोह, जश्न और मौज-मस्ती के लिए एक अधिक पारंपरिक और सामाजिक रूप से स्वीकृत स्थान प्रदान करते हैं। हालांकि, आलोचना के बाद, छात्र परिषद और विश्वविद्यालय ने छात्रों की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती।
समाज के दबाव या परिवार की निगरानी के बिना शादी के उत्सवों का आनंद लेना ही इन फेक वेडिंग कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण है। यह महिलाओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस दौरान पारंपरिक पाकिस्तानी शादी का मेहंदी समारोह का आयोजन किया जाता है। इस दौरान मुख्य रूप से महिलाओं को मेहंदी लगाया जाता है। इसके अलावा गीत, संगीत और नृत्य का आयोजन होता है।
पाकिस्तान के वार्षिक वेडिंग इकोसिस्टम का अनुमान कम से कम 900 अरब पाकिस्तानी रुपये है। फेक वेडिंग्स ने इस उद्योग में एक महत्वपूर्ण जगह बना ली है। कुछ आयोजकों का तर्क है कि वे मुख्यधारा की शादी की ‘कॉपी-पेस्ट शैली’ के बजाय रचनात्मकता पर आधारित वैकल्पिक मानक, विचार और सेवाएं प्रदान करते हैं।
इस्लामाबाद में ‘शाम-ए-मस्ताना’ नामक एक फेक वेडिंग के आयोजकों ने लोक संगीत, फैशन और सांस्कृतिक परंपरा को एक साथ लाकर शादियों के लिए एक नया मानक स्थापित करने की कोशिश की है। इवेंट क्यूरेटर अकील मुहम्मद ने पाकिस्तान की फेक वेडिंग्स की तुलना न्यूयॉर्क शहर में आयोजित वार्षिक मेट गाला से की।
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