
गुवाहाटी। असम (Assam) के बक्सा जिले (Baksa district) में बुधवार को उस समय भारी तनाव उत्पन्न हो गया, जब प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग (Famous singer Zubin Garg) की मौत मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को पुलिस जेल से अदालत ले जा रही थी। तभी सैकड़ों लोग अचानक सड़क पर जमा हो गए और पाँचों आरोपियों को ले जा रहे पुलिस काफिले पर पथराव (Stone pelting Police Convoy) करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं और लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
दरअसल, जुबिन गर्ग केस की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) बुधवार की सुबह अदालत में पेशी के लिए पाँचों आरोपियों को जेल से लेकर जा रही थी, तभी आक्रोशित लोगों ने जुबिन को न्याय दिलाने की मांग करते हुए जेल के बाहर पुलिस से उन आरोपियों को सौंपने की मांग की और देखते ही देखते भीड़ पुलिस दल पर पथराव करने लगी।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे
उग्र भीड़ ने मौके पर पुलिस और नागरिकों के कई वाहनों में आग भी लगा दी। उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन भीड़ तितर-बितर नहीं हो पाई। उग्र भीड़ के पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। बाद में पुलिस ने दो प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में लोगों के दबाव के कारण रिहा कर दिया गया।
एक पत्रकार समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी
इस घटना में पुलिस के तीन वाहन जलकर राख हो गए हैं, जबकि एक पत्रकार समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। बाद में पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पाँचों को कड़ी सुरक्षा के बीच फिर से बक्सा ज़िला जेल ले जाया गया। हिंसा के बाद बक्सा जेल के पास और मुशालपुर शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और आगे किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए आरएएफ कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा अक्सा जिले में इंटरनेट सेवाएं अस्थाई तौर पर निलंबित कर दी गई हैं।
जूडिशियल कस्टडी में भेजे गए लोग कौन?
न्यायिक हिरासत में भेजे गए लोगों में दो मुख्य आरोपी, नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत और ज़ुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा शामिल हैं, जिन्हें 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। अन्य आरोपियों में ज़ुबीन का चचेरा भाई और असम पुलिस सेवा का निलंबित अधिकारी संदीपन गर्ग शामिल है, जो उनके साथ सिंगापुर गया था; और ज़ुबिन के दो निजी सुरक्षा अधिकारी, नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य, जिन्हें 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
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