
वाल्मिकी बस्तियों में गोगा नवमी की रौनक, हर बस्ती में पूजा-पाठ
इन्दौर। वाल्मिकी समाज के लोग छड़ी निशान को तरह-तरह से सजाते हैं। सभी वाल्मिकी बस्तियों में छड़ी निशान का पूजन किया जा रहा है। इस बार चांदी महंगी होने के बावजूद कमाठीपुरा के छड़ी निशान को 11 किलो चांदी से सजाया गया है। निशान की सुरक्षा के लिए बकायदा यहां गनमैन को भी बैठा रखा है। चांदी का ये निशान वीर गोगा देव जी के प्रथम सेनापति रतन सिंह चावरिया को समर्पित किया त्याग और भक्ति के साथ वाल्मीकि समाज के सदस्य इस परम्परा को निभाते आ रहे हंै, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते सुरक्षा के साथ छड़ी निशान को भ्रमण कराया गया। अलग-अलग इलाकों में भी छड़ी निशान सजाए गए हैं।
परमिशन नहीं मिलने से सेवादार नाराज, बोले-गोगामेड़ी के सात चक्कर लगाए बिना पूरी नहीं होती तपस्या
कोरोना के कारण इस बार गोगा नवमी के जुलूस की परमिशन नहीं मिलने से वे सेवादार नाराज हैं जो पिछले सवा महीने से तपस्या कर रहे हंै। उनका कहना है कि नवमी को जब तक छड़ी निशान के साथ गोगामेड़ी के 7 चक्कर नहीं लगा लेते, तब तक तपस्या पूरी नहीं होती है। गोगादेव भक्त मंडल के सेवादारों का कहना है कि हम भी शहर को कोरोना संक्रमण से बचाना चाहते हैं और हमारी मांग है कि भले ही प्रशासन जुलूस को अनुमति नहीं दे, लेकिन छड़ी निशान को वीर गोगादेव मंदिर तक 3 से 5 लोगों के साथ जाने की अनुमति दी जाए, ताकि हमारी सवा महीने की तपस्या पूर्ण हो सके।

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved