नई दिल्ली। भारतीय सैन्य अकादमियों एवं संस्थानों में ट्रेनिंग (Training in Indian Military Academies and Institutes) ले रहे अफगानिस्तान(Afghanistan) के करीब 150 सैन्य अफसर और जवान (150 military officers and jawans) जल्द अपने देश लौट सकते हैं। इनकी ट्रेनिंग पूरी होने को है। इसके बाद इन्हें अफगानिस्तान(Afghanistan) वापस लौटना होगा। इन अफसरों को तालिबान शासित अफगानिस्तान की सेना(Taliban-ruled Afghanistan’s army) में अपनी सेवाएं देनी होंगी।
यह विचित्र स्थिति है कि जब ये सैन्यकर्मी प्रशिक्षण के लिए आए थे तब वहां लोकतांत्रिक सरकार थी, लेकिन जब वापस लौटेंगे तो उन्हें तालिबानी सरकार के साथ काम करना होगा। बता दें कि अफगानिस्तान की सेना ने भी तालिबान के समक्ष समर्पण कर दिया था।
सेना के सूत्रों ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अफगानिस्तान के जवानों को अपने देश वापस लौटना होगा। सूत्रों ने कहा कि तय कार्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण ले रहे अफसरों एवं जवानों की वापस होगी। दरअसल, तालिबान में सत्ता परिवर्तन से पूर्व ये सैन्यकर्मी प्राशिक्षण के लिए भारत आ चुके थे। इनमें कुछ महिला अधिकारी भी शामिल हैं। इंडियन मिलिट्री अकादमी (आईएमए) देहरादून, आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) चेन्नई तथा नेशनल डिफेंस अकादमी पुणे में अधिकारी प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि सैनिकों का प्रशिक्षण अलग-अलग केंद्रों में चल रहा है। सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अवधि अलग-अलग है। इसलिए कुछ के प्रशिक्षण पूरे हो रहे हैं तथा कुछ को अभी और समय लग सकता है।
दो दशक से चल रहा कार्यक्रम
भारत की तरफ से कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम के तहत अफगानिस्तान की सेना को आधुनिक प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई थी। यह कार्यक्रम पिछले दो दशकों से चल रहा था। कई और देशों के सैन्य अफसर भी विभिन्न कार्यक्रमों के तहत भारत में प्रशिक्षण लेने आते हैं। इसी प्रकार भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी अफगान सेना के अफसर ट्रेनिंग लेने गए हुए थे।