हरदा । जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं । बाढ़ का पानी बस्तियों में घुस गया है। बचाव एवं राहत दल सक्रिय हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हर स्थिति से निपटने की व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है। जिले की खिड़किया, टिमरनी, हंडिया, तहसील से सड़क संपर्क कट गया है, नदियां उफान पर हैं वहीं वार्ड नं 33 में भी पानी भरा गया। स्थिति बेहद नाजुक बनी है। बारिश नहीं थमी तो निचली बस्तियों में स्थिति गंभीर होने की पूरी संभावना है ।
जिला जेल परिसर में पानी घुस गया है। जेल ने अपने स्तर से बचाव की सारी तैयारी करते हुए जवाबदेह उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है । जेल परिसर में वैसे हर वर्ष ऐसी स्थिति बनती है, कुछ दिनों पूर्व पास में भवन बन जाने से पानी की निकासी प्रभावित हैं । जेल को अन्यत्र शिफ्ट करने या फिर बहुमंजिला बनाकर बचाओ के स्थाई इंतजाम करने की आवश्यकता जरूरत महसूस की जा रही है। जेलर एम एस रावत ने भी इस संबंध में अवगत करा दिया है ।
जानकारी के अनुसार जिले में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जिला मुख्यालय में अजनाल नदी उफान पर है। खतरे के निशान से पानी ऊपर है, निचली बस्तियों में पानी घुस गया है । प्रशासन नदी के किनारे रहने वालों अन्यत्र शिफ्ट करा रहा है। रेड अलर्ट जारी कर बचाव एवं राहत के इंतजाम की पूरी तैयारी की गई है। खिरकिया खंडवा जिले से सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
लगातार हो रही बारिश से स्थिति नाजुक होने पर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने सर्वाधिक खराब स्थिति वाले क्षेत्रों का दौरा कर वहां की स्थिति को देखा और आवश्यकता जरूरत के अनुसार प्रभावित लोगों की मदद की । अधिकारियों को जानकारी देकर राहत व बचाव के प्रभाव इंतजाम करने की मांग की ।
जिले की सीमा पर हंडिया में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर है। इंदिरा सागर, नर्मदा सागर बांध के गेट खोल दिए गए हैं । जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है हंडिया मालपौन मेदा शमशाबाद, लछोरा, गोंदागांव आदि गांव से हाई अलर्ट घोषित कर निचले स्थानों से ऊपर जाने के निर्देश दे दिए गए हैं । प्रशासन के सहयोग से निचली बस्तियों में घर खाली कराए जा रहे हैं । समूचा प्रशासन चैकस सतर्क है और जलस्तर पर नजर गड़ाए हुए हैं । हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर लोगों को सतर्क आगाह किया जा रहा है। बरसात बंद ना होने से जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, यही हाल रहा तो निचली बस्तियों में पानी घुसने की संभावना से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है ।
लगातार हो रही बारिश होने से गंजाल नदी सहीत जिले की नर्मदा, गंजाल, हंसावती, टिमरन, अजनाल, हेंडिल्य, सुखनी, गोमती, माचक, स्यानी, घोघई, पनाली, काली माचक सहीत सभी नदियां ने अपना किनारा छोड़ दिया है । जो नदियां उफान पर है पुल के ऊपर से पानी बह रहा है आवागमन पूरी तरह से ठप है। वाहन, बस, ट्रक वाले फंसे हुए हैं, 2 किलोमीटर से लंबी लाइन वाहनों की लगी हुई है । ड्राइवर कंडक्टर आलू बड़ा, कचैड़ी, भुट्टे खाकर पानी थमने व आवागमन चालू होने का इंतजार कर रहे हैं । बीच में फंसने के कारण परेशान हैं समूचे क्षेत्र के लोगों का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क कटा हुआ है । स्थानीय नदियों एवं नालों में भी पानी खतरे के निशान पर है, लोगों का बाहर आना जाना बिलकुल बंद हो गया है ।
चालू सीजन में अगस्त माह में भारी बारिश हो रही है मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चार दशक का रिकॉर्ड टूट गया है। इतनी वर्षा अगस्त माह में नहीं हुई थी, बारिश का एक नया रिकॉर्ड बन रहा है जिसे देख सुनकर लोग आश्चर्यचकित हो रहे हैं । नदी के आसपास का क्षेत्र जलमग्न दिख रहा है, पानी का नजारा देखकर लोग भयभीत हो रहे हैं।
अगस्त माह में लगातार हो रही बारिश से खरीफ फसल बर्बाद हो गई, खेत में पानी भरा रहने से फसल सड़ गई । अतिवृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है, खेत में पानी लबालब भरा हुआ है । बतर नहीं होने और धूप पर्याप्त नहीं मिलने से सोयाबीन व अन्य फसल मुरझा कर सड गई है। जिले के हरदा खिरकिया टिमरनी सभी क्षेत्रों में खडी फसल को भारी बारिश काफी नुकसान हुआ है।
अतिवृष्टि से रहटगांव सोडलपुर में भयावह स्थिति निर्मित हो रही है मौजूदा स्थिति का जायजा लेकर आवश्यक बचाव एवं राहत के कदम उठाने के लिए तहसीलदार मौके पर नहीं पहुंच पाई। टिमरनी से अपडाउन के कारण सड़क संपर्क कट जाने से नहीं आ पाई, हालांकि जिला कलेक्टर ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए 1 दिन पूर्व मुख्यालय में अनिवार्य रूप से रहने का निर्देश दिया था। फिर भी उन्होंने रहटगांव को मुख्यालय नहीं बनाया सोडलपुर की नदी का जलस्तर बढ़ रहा है । जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है स्थानीय लोग भयभीत और डरे सहमे हैं मौजूदा अधिकारी अपने स्तर से राहत एवं बचाव के इंतजाम कर समझाइश दे रहे हैं।
अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि जिले में चालू मानसून मौसम के दौरान गत एक जून से अब तक 1000.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष की इसी अवधी की औसत वर्षा 1005.0 मिमी है वहीं 111.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई।
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