
नई दिल्ली: पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान पुंछ-राजौरी में एक बार फिर आतंक को जिंदा करने की कोशिश में जुटा है. डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, इन क्षेत्रों में करीब 25-30 पाकिस्तानी आतंकी एक्टिव हैं. ये आतंकी पुंछ-राजौरी में मौजूद जंगलों में छिपे रहते हैं और मौका मिलने पर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं.
जम्मू कश्मीर पुंछ में गुरुवार को आतंकियों ने सेना के दो वाहनों पर हमला किया. इस हमले में चार जवान शहीद हो गए, जबकि तीन जवान घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी जैश से जुड़े संगठन PAFF ने ली है. गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर इसी साल जनवरी में बैन लगाया था.
सूत्रों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के पीर पंजाल के पहाड़ी इलाकों में जो 25-30 आतंकी एक्टिव हैं. ये आतंकी संगठन PAFF या TRF से जुड़े हैं. इनके 75-100 स्थानीय समर्थक भी हैं. ये जम्मू के पुंछ, राजौरी और रेयासी और कश्मीर के कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिलों में सक्रिय हैं.
PAFF या TRF ने पिछले कुछ सालों में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है. ये संगठन ‘गुरिल्ला वॉर’ टेकनिक का इस्तेमाल करते हैं. ये सुरक्षाबलों पर छोटी छोटी टुकड़ियों में छिपकर हमला करते हैं. हमले को अंजाम देने के बाद ये वापस जंगल में छिप जाते हैं. बताया जा रहा है कि इन आतंकियों में कुछ ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी ट्रेनिंग ली है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में आतंक को दोबारा खड़ा करने के पीछे चीन और पाकिस्तान का गेम प्लान है. दोनों देशों की कोशिश है कि इन हमलों से भारतीय सेना का ध्यान जम्मू कश्मीर की ओर खींचा जाए, और वह लद्दाख और अन्य जगहों पर अपनी तैनाती कम करे, जहां चीन और भारत के बीच पिछले तीन साल से विवाद चल रहा है. भारत ने 2020 में चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिफॉर्म फोर्स को पुंछ सेक्टर से लद्दाख में भेजा था.
पुंछ-राजौरी में दो साल में 34 जवान शहीद
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