
उज्जैन। उज्जैन में शहरी क्षेत्र के 11 थानों मे 9 की हकीकत यह है कि इन क्षेत्रों में समय के साथ-साथ अपराध बढ़ते गए और थाने का बल कम होता गया। दो थाने नागझिरी और नानाखेड़ा को छोड़कर बाकी सभी थानों में क्षेत्रफल के हिसाब से पुलिस बल बहुत कम है। उज्जैन शहर में अपराध नियंत्रण के लिए मौजूद सभी थाने वर्तमान में कम पुलिस बल की वजह से बेहद परेशान है। हालत यह है कि एक भी थाना ऐसा नहीं जिसके द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखित में थानों पर बल बढ़ाए जाने की लिखित में अर्जी नहीं लगा रखी है लेकिन किसी की सुनवाई नहीं होती अधिकारी भी कहते हैं कि प्रदेश स्तर से जितना पुलिस बल दिया जाता है उसी में काम चलाना होता है। बात करें शहर के मुख्य और बड़े थानों की जैसे नीलगंगा, महाकाल, माधवनगर, चिमनगंज, यह चार थाने ऐसे हैं जिनमें में वर्तमान में क्षेत्रफल, कार्य और बढ़ते अपराध को देखते हुए जो थानों पर फोर्स तैनात है, वह बहुत कम है। पुलिसकर्मियों की कमी सिर्फ आरक्षक स्तर पर ही नहीं है। आरक्षक, प्रधान आरक्षक, एएसआई और एसआई सभी की कमी से यह थाने बेहद प्रभावित हैं जिसका सीधा असर प्रतिदिन होने वाली कार्रवाई पर होता है और ऐसे में भी शहर में होने वाले अन्य आंदोलन पुलिस मुहिम और पुलिसकर्मियों के अवकाश के कारण पुलिसकर्मियों की संख्या थानों पर बेहद कम रह जाती है। उज्जैन पुलिस लाइन की बात की जाए तो वहां पर 300 से अधिक पुलिसकर्मी जिसमें आरक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर तक के पुलिस कर्मचारी वर्तमान में मौजूद हैं।
वर्तमान में थानों में पुलिस बल की यह स्थिति है
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