
इंदौर। जब से आशीष सिंह (Ashish Singh) इंदौर (Indore) जिले के कलेक्टर (Collector) के रूप में पदस्थ हुए है, तब से वे लगातार सरकारी कर्मचारियों (Government employees) पर नकेल कस रहे है। प्रशासनिक संकुल में राजस्व से जुड़े अनेक मामलों में निलंबन की कारवाही करने से भी उन्होंने गुरेज नहीं किया।
ताजा मामला यह है जैसे ही राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 तक करने का आदेश जारी। इस पर सख्ती से अमल हों इसके लिए सप्ताह के अंतिम कार्य दिवस पर उन्होंने जिले के अनेक कार्यालयों मे सुबह 10 बजे अपनी टीम को भेजा और वहां से उपस्थिति रजिस्टर को जब्त किया। गौरतलब है जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वर्तमान में 50 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत है। शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय के कर्मचारी ने सुबह 10.10 पर उपस्थिति रजिस्टर चेक किया तो उसमें मात्र 5 कर्मचारी के ही हस्ताक्षर थे।
बाकी को छोडऩे पर कानाफूसी
जैसे ही जिला पंचायत द्वारा वेतन काटने का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वैसे भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कल अवकाश होने के बाद जिनका वेतन काटा उनमें से अधिकांश कर्मचारियों एकत्रित हुए। उनके बीच यही चर्चा थी बाकी 26 कर्मचारियों पर क्यों रहम बरती गई। ऐसे में कुछ कर्मचारी यह भी कहते नजर आए कि कई बार हम 6 बजे बाद भी रुकते है। ऐसे में मात्र 15/20 मिनिट देरी होने पर इस तरह वेतन काटने की कार्यवाही को लेकर असंतोष जताया जा रहा है।
जिनके वेतन कटे उनके नाम
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने शिक्षा विभाग के अपर संचालक होने के नाते जारी आदेश में श्रीमती सुषमा वैश्य,घनश्याम करोले,शैलेंद्र छिरेले,गोपाल पांचाल,आशीष बनोधा,निलेश भवदीय,रोहन बेस,विनय कुशवाह,मनोरमा राठौर,बद्रीलाल बैसवाल, अस्मित जोशी,रंजना चौधरी,सुषमा दुबे,भारती जमदड, सतीश पाठक,पंकज चौहान,रोहित प्रजापति,मीनाक्षी शाक्यवार,रोजमेरी जस्टिन के नाम मध्यप्रदेश सिविल सेवा अधिनियम का हवाला देते हुए वेतन काटने का आदेश जारी किया है।
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