
जम्मू । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती 14 महीनों की हिरासत से बाहर आने के बाद एक बार फिर राजनीति में सक्रिय हो गईं हैं। महबूबा मुफ्ती के साथ ही कश्मीर नें 370 समाप्त किए जाने के खिलाफ करीब 6 दल एकजुट हो गई है। जिसके बाद आज भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर ईकाई ने केंद्र शासित प्रदेश के बदले राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के लिए पार्टी की आपात बैठक बुलाई है।
इस बैठक को लेकर बताया जा रहा है कि बीजेपी की यह आपात बैठक केंद्र शासित प्रदेश में कश्मीर से संबंधित पार्टियों के एकजुटता की घोषणा के बाद बुलाई गई है। केंद्र शासित प्रदेश के बीजेपी के शीर्ष नेताओं रविंदर रैना, कविंदर गुप्ता, डॉक्टर निर्मल सिंह अशोक कौल के इस आपात बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। इस बैठक में कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों के नेताओं को भी बुलाया गया है।
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती के बाहर आते ही उनके आवास पर कार्यकर्ताओं के तांता से नयी उम्मीदें दिखने लगी हैं। महबूबा को 14 महीनों के बाद रिहा किया गया है। बुधवार को महबूबा के आधिकारिक निवास फेयरव्यू बंगला पर कार्यकर्ताओं का तांता लगा रहा। अपनी नेता से मिलने की उम्मीद में आए कार्यकर्ताओं में वृद्ध भी शामिल थे।
महबूबा के प्रशंसक उन्हें ‘‘आयरन लेडी ऑफ कश्मीर’’ कह रहे हैं। इतना ही नहीं राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विरोधियों से हाथ भी मिला लिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में ‘गुपकार घोषणा’ पर भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को अपने आवास पर बैठक बुलाई थी। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी इस बैठक में शामिल हुई थीं।
इस बीच महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया। महबूबा ने कहा कि पिछले साल पांच अगस्त का केंद्र का फैसला ‘‘दिनदहाड़े लूट’’ थी। उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में ‘गुपकार घोषणा’ पर भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए अपने आवास पर बैठक बुलाई है । जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी बैठक में भाग लेंगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि गुपकार घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष के गुपकार स्थित आवास पर चार अगस्त, 2019 को हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद जारी प्रस्ताव है। इसमें कहा गया था कि पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी।
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